अकसर म्यूचुअल फंड में लोग इसलिए निवेश करते हैं कि इसमें थोड़ा-थोड़ा धन जमा कर बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है। इसमें शेयर बाजार की अपेक्षा रिस्क भी कम है और रिटर्न भी आरडी, एफडी के मुकाबले कहीं ज्यादा मिलता है। इसमें निवेश करते समय लोगों के दिमाग में कहीं न कहीं यह बात भी रहती है कि जब भी जरूरत होगी इसमें से पैसा निकालकर अपना काम चला लेंगे।
यह है बड़ा फायदा : लोन पर आपको ब्याज देना होता है इसलिए आप इसे जल्द से जल्द से चुकाना चाहते हैं। इस तरह से आपको अपने निवेश पर रिटर्न भी मिलता रहता है। यह लोन अगेंस्ट सिक्यूरिटी होता है। जब तक फंड में आपका पैसा है, तब तक आप यह लोन भी चला सकते हैं। इस तरह के लोन पर नुकसान तो कुछ नहीं है, उलटा फायदा ही है। अगर आपको म्यूचुअल फंड पर 15 प्रतिशत रिटर्न मिल रहा है और 10.5 से 11 प्रतिशत ब्याज पर लोन भी मिल रहा है तो लोन लेने से पूंजी भी बनी रहेगी और ब्याज का भी फायदा होगा।
वित्त विशेषज्ञ रमाकांत मुजावदिया के अनुसार शॉर्ट टर्म जरूरतों के लिए इस तरह का लोन लेकर काम चलाया जा सकता है। एक बार पूंजी टूटने पर उसे बनाना उतना आसान नहीं होता। अगर कोई फंड को तोड़कर उसका उपयोग कर लेता है तो उसके बाद उतना पैसा वह नहीं डालता है। इस लोन को 4-6 माह में अपनी सुविधानुसार चुकाया जा सकता है।