कैसे पर्सनल लोन कर सकता है आपकी कठिन समय में सहायता?

Webdunia
बुधवार, 1 नवंबर 2017 (19:44 IST)
एक निजी कर्ज (Personal Loan) का विकल्प चुनने के बहुत सारे तर्क दिए जा सकते हैं कि क्यों एक व्यक्ति एक निजी ऋण को चुने। इस तरह का कर्ज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत एक अवकाश के लिए या आगामी समारोह के फंड की व्यवस्था की जाती है। लेकिन जब आपके सामने वित्तीय आकस्मिकता हो तब ऐसे समय में निजी कर्ज लेना सर्वाधिक उपयुक्त है। किसी के लिए किसी भी समय आकस्मिकताएं आ सकती हैं, दुर्घटना होने पर या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सबसे आम हैं, ऐसे में किसी भी व्यक्ति पर पैसे की अहम जरूरत के लिए निर्भर रहना मुश्किल होता है, तब निजी ऋण आपका सर्वश्रेष्ठ विकल्प हो सकता है क्योंकि इसका भुगतान तुरंत हो जाता है।
 
इस लेख के जरिए हम उन कारणों के बारे में बात करेंगे कि वित्तीय आकस्मिकताओं में निजी कर्ज क्यों आपका संकटमोचक हो सकता है। लेकिन ऐसा करने से पहले हम पहले कुछ ऐसी आपात स्थितियों पर विचार करें कि कब संकट से उबरने में सहायक हो सकते हैं।
 
चिकित्सा जरूरतें : दुर्घटनाएं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बिना किसी चेतावनी के आती हैं और इनके कारण आपकी बचत छोटी होती चली जाती है। चिकित्सा बीमारियां आपके लिए शारीरिक और मानसिक तकलीफें पैदा करती हैं और इसके साथ ही वे आपकी कमाई को भी हवा में उड़ा देती है। 
 
देश में चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती दरों को देखते हुए एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति के लिए एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी के लिए पैसों का इंतजाम करना वास्तव में बहुत मुश्किल हो गया है। हालांकि ऐसे समय पर चिकित्सा बीमा बहुत मददगार होता है, लेकिन एक निजी कर्ज से अतिरिक्त खर्चों को पूरा किया जा सकता है। साथ ही, अगर एक व्यक्ति ने दुर्घटना के कारण कुछेक महीनों तक काम करने की क्षमता भी खो दी हो तो एक निजी कर्ज से आय में होने वाली कमी को पूरा किया जा सकता है।
 
आपातकालीन मरम्मत : दुर्भाग्य से कुछ घटनाओं से आपके वाहन या अन्य महंगे उपकरणों को नुकसान होता है, तब मरम्मत पर लगने वाला खर्च आपकी बचत का काफी बड़ा हिस्सा समाप्त कर सकता है। इसलिए अपनी बचतों को समाप्त करने की बजाय आपको एक छोटी राशि का निजी कर्ज लेना चाहिए जिसे आसान किश्तों में  चुकाया जा सकता है।
 
प्राकृतिक आपदा : कभी-कभी प्रकृति मनुष्यों के लिए भीषण बरबादी ला देती है। भूकम्प, सूखे, भूस्खलन, और सुनामी ने अतीत में बहुत बड़ा नुकसान किया है जिनके कारण लोग भावनात्मक और वित्तीय तौर पर बरबाद हो गए। निजी स्तर पर कोई भी कर्ज लेकर फिर नई शुरुआत कर सकता है क्योंकि इस राशि को आप किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकते हैं। किसी आपदा के बाद आपके घर को पुनर्निर्माण की जरूरत हो सकती है या फिर आपको पूरी तरह से एक नया घर बनाने के लिए पैसों की जरूरत हो सकती है।
 
वित्तीय आपदा के लिए निजी कर्ज क्यों सबसे अच्छा विकल्प है?  
यदि आपके पास दिखाने के लिए समुचित दस्तावेजों के अलावा एक अच्छा क्रेडिट स्कोर है तो वि‍त्तीय परे‍शानियों से निपटने के लिए निजी कर्ज उपयोगी साबित हो सकता है। नीचे कुछेक ऐसे कारणों को दिया गया है कि क्यों एक निजी कर्ज आपात समयों के लिए अच्छा है।
 
1- गिरवीं रखने के लिए कोई सम्पत्ति नहीं- एक निजी कर्ज लेने के लिए आपको अपनी सम्पत्तियों में से किसी को बेचने या गिरवीं रखने की जरूरत नहीं है। यह एक असुरक्ष‍ित कर्ज होता है और इसे पाने के लिए आपको अपनी किसी महत्वपूर्ण सम्पत्तियों को खोने की जरूरत नहीं है।
 
2-सरल शर्तें और तुरंत भुगतान- अन्य सुरक्षित कर्जों की तुलना में निजी कर्जों के मामलों में औपचारिकताएं और दस्तावेजीकरण बहुत कम होता है। उदाहरण के लिए, आपको सम्पत्ति के दस्तावेज पेश करने के लिए बुलाया जाएगा ताकि सम्पत्ति के मुकाबले कर्ज दिया जा सके। आपकी सम्पत्ति का मूल्यांकन बैंक द्वारा किया जाएगा और इसके आधार पर वे तय करेंगे कि आपको वांछि‍त राशि का कर्ज मिल सकता है। 
 
दूसरी ओर, एक निजी कर्ज के लिए आपको मात्र आय का प्रमाणपत्र और अन्य केवाईसी दस्तावेजों को पेश करना होगा। संतुष्ट हो जाने पर बैंक आपको निर्धारित राशि का भुगतान कर देगा। यदि सारे वांछित दस्तावेज समय पर उपलब्ध करा दिए जाएं तो आपको निजी कर्ज का भुगतान आमतौर पर मात्र एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाता है। 
 
3-प्रतियोगी ब्याज दरें- कुछ लोग कह सकते हैं कि निजी कर्ज की ब्याज दरें, ऊंची ब्याज लागत की होती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप कर्ज की राशि पर ब्याज की तुलना असंगठित क्षेत्र, या संबंधियों या मित्रों की ब्याज दर से करें। ज्यादातर बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और भुगतान इतिहास को ध्यान में रखते हुए प्रतियोगी ब्याज दर पर आपको कर्ज देते हैं।
 
4-कम समय सीमा- अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आप छोटी अवधि या लंबी अवधि के लिए कर्ज ले सकते हैं। अगर आप लघु कालिक नकदी की कमी से जूझ रहे हैं और अगर आपको उम्मीद है कि जल्द ही स्थितियां सुधर जाएंगी, आप छोटी अवधि का कर्ज ले सकते हैं। उदाहरण के लिए, ऐसा  कर्ज जो पांच वर्ष से कम समय का हो। लेकिन अगर आपकी कर्ज की राशि अधिक है और आप भुगतान की अवधि को कम रखना चाहते हैं तो आप पर मासिक किश्तों का भार बढ़ जाएगा। तब आप तुलनात्मक रूप से अधिक समयावधि का चयन कर सकते हैं।    
 
5- नमनीयता- आपात काल के मामलों में कर्ज संबंधी कार्यवाही में नमनीयता के मामले में निजी कर्ज एक बड़ा सहारा हो सकता है। बाजार में ऐसा कोई कर्ज नहीं होता है जो कि आकस्मिक वित्तीय  परिस्थितियों का सामना करने के लिए बनाया गया हो। ऐसे हालातों में निजी कर्ज सबसे अच्छा साबित होता है क्योंकि इसे आप घर की साज सज्जा, आपातकालीन मरम्मत, मेडिकल बिलों का भुगतान और अन्य कार्यों के लिए कर सकते हैं।
 
मुसीबत के दौरान निजी कर्ज लेते समय इन बातों को ध्यान में रखें 
हालांकि आपात स्थिति एक तुरंत कार्रवाई की मांग करती है, लेकिन आपको तकलीफदेह कदमों को उठाने से बचना चाहिए क्योंकि इसके दीर्घकालिक वित्तीय दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए नीचे लिखी कुछेक बातों को दिमाग में रखना चाहिए।
 
जरूरत के अनुसार कर्ज लें, क्षमता के अनुसार नहीं- अगर आपका अच्छा क्रेडिट स्कोर है, तो इस बात भी संभावना है कि बैंक आपको वांछित धनराशि से भी अधिक राशि का कर्ज देने को तैयार हो जाएगा। आपको याद रखना चाहिए कि अतिरिक्त राशि का अर्थ अतिरिक्त ब्याज लागत भी होगा। इसलिए आपको कर्ज को अपनी जरूरतों के अनुरूप सीमित रखना चाहिए और अधिक कर्ज लेने के लालच से बचना चाहिए।
 
कुछेक कर्जदाताओं की तुलना करें- अपनी वित्तीय आपातकाल जरूरत का सामना करने के लिए पहले कर्ज प्रस्ताव को स्वीकार करने के बारे में सोच सकते हैं। फिर भी हमेशा कुछेक कर्जदाताओं की तुलना करें और इसके बाद ही कोई फैसला करें। आसपास पड़ताल करें और ऐसा कर्ज दाता खोजें जोकि कम से कम ब्याज दरों और शर्तों-स्थितियों पर कर्ज देने को तैयार हो।
 
भुगतान पूर्व की शर्तों को पहले से तय कर लें- फिलहाल आप वित्तीय मुश्किल का सामना कर रहे हैं, लेकिन संभावना है कि जल्द ही स्थिति बेहतर हो जाएगी। इसलिए बेहतर होगा कि आप पहले से ही आंशिक भुगतान या भुगतान पूर्व की शर्तों पर बातचीत कर लें। भुगतान पूर्व के प्रभारों के बारे में पूछें। साथ ही, यह भी जानें‍ कि क्या कोई लॉक-इन-पीरियड भी है? कर्ज के लिए समय पूर्व भुगतान से आपके ब्याज का काफी पैसा बच सकता है। 
  
अतिरिक्त प्रस्तावों के लालच में ना पड़ें- कुछ कर्जदाता आपको अतिरिक्त उत्पादों जैसे चिकित्सा बीमा आदि का प्रस्ताव कर सकते हैं। प्रारंभ में आपसे कहा जाएगा कि इन पर कोई अतिरिक्ति लागत नहीं होगी और आपकी मासिक किश्तों के जमा होने के साथ ही बीमा प्रीमियम भी जुड़ता जाएगा और अंत में ये आपका बोझ बढ़ा देंगे। इसलिए ऐसे प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दें। 
 
निर्णायक बिंदु :  वित्तीय आकस्मिकताओं के मामले में निजी कर्ज आपके रक्षक साबित हो सकते हैं लेकिन आपको पहले ही किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहिए। अपने कर्जदाता के साथ उधारी की शर्तों की जानकारी लेते समय कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उससे पूछें कि किस प्रकार का ब्याज लगेगा- क्या यह समान निर्धारित दर पर होगा या फ्लोटिंग (अस्‍थायी) दर पर। अगर आपकी कोई मासिक किश्त चूक जाती है तो क्या होगा? जानकारी हासिल करें और सर्वश्रेष्ठ को चुनें, आप जितने सवाल पूछना चाहें पूछें और हस्ताक्षर तभी करें जबकि पूरी तरह संतुष्ट हों।  

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