एसएंडपी ने मार्च में कहा था कि अर्थव्यवस्था को तेजी से खोलने और राजकोषीय प्रोत्साहनों के कारण वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रह सकती है। एसएंडपी ने इस समय भारत की रेटिंग स्थिर दृष्टिकोण के साथ 'बीबीबी-' तय की है। उसने कहा कि भारत की संप्रभु क्रेडिट रेटिंग पर असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी की गहराई से निर्धारित होगा।
भारत सरकार की राजकोषीय स्थित बेहद तंग है। वित्त वर्ष 2021 में आम सरकारी घाटा जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत था। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री शॉन रोशे ने कहा कि भारत की दूसरी लहर ने हमें इस वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान को संशोधित करने के लिए मजबूर किया। (भाषा)