निक्केई ने सोमवार को यहां जारी रिपोर्ट में बताया कि नए कारोबार में बढ़ोतरी इस सुधार की मुख्य वजह रही है। माह दर माह आधार पर खरीद प्रबंधकों के बीच कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित इस सूचकांक का 50 से ऊपर रहना कारोबार में वृद्धि और इससे कम रहना गिरावट को दर्शाता है, जबकि 50 स्थिरता का स्तर है।
रिपोर्ट की लेखिका और आईएचएस मार्केट की अर्थशास्त्री आशना दोहिया ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, सेवा क्षेत्र में जनवरी में भी सुधार जारी रहा और आउटपुट में जून के बाद की सबसे बड़ी तेजी दिखी। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद गत पूरे साल मांग कमजोर रही जिससे कारोबार प्रभावित रहा।
सेवा गतिविधियों में आई तेजी के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार जनवरी में धीमी हुई है, लागत और उत्पादन मूल्य बढ़ने से जनवरी में उपभोक्ताओं पर दबाव बढ़ा और इसके बाद बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए की गई घोषणाओं से महंगाई बढ़ने के आसार हैं। महंगाई बढ़ने की स्थिति में रिजर्व बैंक ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है। (वार्ता)