मुंबई। केंद्रीय वित्त बजट पेश होने के बाद निवेशकों के अब तक 12.50 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। बजट पेश होने के बाद से अब तक 6 फरवरी (मंगलवार) को 1200 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स की शुरुआत हुई। निफ्टी में भी 386 अंकों की गिरावट देखी गई।
ऐसा अनुमान है कि मंगलवार को शेयर बाजार में निवेशकों का करीब पांच लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है जिसके बाद वित्त मंत्रालय भी सतर्क हो गया है। दुनिया भर के बाजारों में जारी भारी बिकवाली का दबाव घरेलू शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही मंगलवार को करीब 1,275 अंक यानी 3.6 प्रतिशत गिरकर 34,000 अंक के नीचे चला गया।
इससे पहले अमेरिका के डाओ जोन्स में भी तेज गिरावट देखी गई थी। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक आज शुरुआती कारोबार में 1,274.35 अंक यानी 3.66 प्रतिशत गिरकर 33,482.81 अंकों पर आ गया। रीयल्टी, टिकाऊ उपभोग, धातु और बैंकिंग सहित अन्य अलग-अलग क्षेत्रों के सूचकांकों में गिरावट रही। मात्र पांच कारोबारी सत्र में बाजार 1,526 अंक गिर गया है।
इससे पहले 5 फरवरी (सोमवार) को 309 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स 34757 पर बंद हुआ था। निफ्टी 94 अंक गिरा था और शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला लगातार पांचवें दिन जारी रहा था तथा सेंसेक्स 309 अंक टूटकर 34,757.16 अंक के तीन सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया।
निफ्टी में भी 94 अंक की गिरावट आई और यह 10,667 अंक रहा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को पूरे दिन नकारात्मक दायरे में रहने के बाद 34,520.80 अंक के निचले स्तर तक गया। अंत में यह आंशिक रूप से सुधरा और 309.59 अंक या 0.88 प्रतिशत के नुकसान से 34,757.16 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले 12 जनवरी को सेंसेक्स 34,592.39 अंक पर बंद हुआ था।
इसी तरह 2 फरवरी, शुक्रवार, को भी सेंसेक्स में 840 और निफ्टी में 256 अंकों की गिरावट देखी गई थी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच की टिप्पणी और राजकोषीय घाटा बढ़ने की चिंताओं के कारण शुक्रवार को शेयर बाजार 2.34 फीसदी गिरकर बंद हुआ। सेंसेक्स में 839. 91 अंकों की गिरावट के साथ 35,066.75 अंकों पर जबकि निफ्टी 256 अंकों से ज्यादा का गोता लगाकर 10,760.60 अंकों पर बंद हुआ।
पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स में 1,526 अंक गिरावट देखी गई जनवरी में इसमें 2,200 अंक से अधिक की तेजी रही थी। ब्रोकरों का कहना है कि अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में रिकॉर्ड गिरावट के बाद एशियाई बाजारों में भी इसी तरह का रुख देखने को मिला।
एशियाई बाजारों में टोक्यो 5 प्रतिशत से अधिक, हांग कांग 4 प्रतिशत और सिडनी 3 प्रतिशत, सिंगापुर 2.3 प्रतिशत, सियोल 3 प्रतिशत, ताईपाई 3.7 प्रतिशत और शंघाई 2.1 प्रतिशत गिरे हैं। लांग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) की मार से उबर नहीं पा रहा है सेंसेक्स और इसे मौद्रिक समीक्षा नीति का भी असर माना जा रहा है।
ब्रोकरों का मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा नीति को लेकर सतर्क रहने और डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में रुपए के 29 पैसे कमजोर होने से भी घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के रुख को बल मिला। सेंसेक्स और निफ्टी पर मजबूत बिकवाली का दबाव देखा गया। अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार के कारोबारी दिन में 1,263.57 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। टाटा मोटर्स, यस बैंक, एक्सिस बैंक, एसबीआई, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, अडाणी पोर्ट्स, आईसीआइसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, मारुति सुजुकी, एलएंडटी और हीरो मोटोकॉर्प के शेयरों में भारी गिरावट रही। इनमें 7.55 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
मंगलवार की सुबह जापान, ताइवान सहित ज्यादातर बाजारों ने कमजोर शुरुआत की थी। मिडकैप इंडेक्स आज प्री ओपनिंग सेसन में ही 942 अंक की कमजोरी पर था। एक मोटे अनुमान के अनुसार, आज बाजार खुलने के साथ ही निवेशकों के लगभग पांच लाख करोड़ रुपए डूब गए। आज बाजार खुलने के बाद कुछ सेकेंड में ही भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के पांच लाख करोड़ रुपए डूब गए। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भी लगभग पांच लाख करोड़ रुपए डूबे थे।
पिछले छह कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई है और निवेशकों के इन छह सत्रों में 12.50 लाख करोड़ रुपए डूब चुके हैं। बाजार में इस गिरावट का कारण अमेरिका सहित दुनिया में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका के डॉओ जोन्स में सोमवार को बड़ी गिरावट आई थी। इंट्रा डे में ऐतिहासिक रूप से डॉओ जोन्स में एक दिन में 1600 अंक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।
भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट के मद्देनजर वित्त मंत्रालय सतर्क हो गया है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने बयान दिया है कि सिर्फ शेयर से होने वाली आय पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने से बाजार में गिरावट नहीं आ रही है, इसके वैश्विक कारण भी हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह गिरावट जल्द थमने की उम्मीद है। सोमवार को वित्त सचिव हसमुख अधिया ने भी कहा था कि बाजार में यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय कारणों से आ रही है।