ब्याज दरें बढ़ाने का समय नहीं-उद्योग

मंगलवार, 1 जून 2010 (08:47 IST)
आर्थिक वृद्धि के आँकड़ों में सुधार के बावजूद उद्योग जगत का मानना है कि रिजर्व बैंक को ऐसे कदम उठाने से परहेज करना चाहिए, जिससे आने वाले दिनों में ब्याज दरों में मजबूती आए।

वित्तवर्ष 2009-10 में आर्थिक वृद्धि 7.4 फीसद रही, जो पहले के अनुमान से मामूली अधिक है। विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.6 फीसद रही।

फिक्की अध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने कहा इस समय ब्याज दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि आर्थिक विकास की गति को रोक सकती है।

रिजर्व बैंक ने अप्रैल माह में प्रमुख नीतिगत दरों में 0.25 फीसद वृद्धि की थी और अब जब अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी है, शीर्ष बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए 27 जुलाई की समीक्षा में कुछ और कदम उठा सकता है।

खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण सामान्य मुद्रास्फीति फरवरी माह में 10 फीसद से अधिक हो गई थी, जबकि अप्रैल महीने के अस्थायी आँकड़ों में यह 9.59 फीसद रही।

मित्तल ने कहा आर्थिक वृद्धि के उच्चस्तर को बनाए रखने का दारोमदार विनिर्माण क्षेत्र पर निर्भर करेगा, ऐसे में 2010-11 में उच्च आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बनाए रखने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में उच्च वृद्धि बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि जीडीपी के आँकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। एसोचैम अध्यक्ष स्वाति पिरामल ने कहा प्रत्यक्ष विदेश नीति में और सुधार तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से उद्योग क्षेत्र को तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी। (भाषा)

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