अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान जेपी मोर्गन और गोल्डमैन सैचस ने कहा है कि अप्रैल तक रिजर्व बैंक की ओर से रैपो और रिवर्स रैपों दरों में एक प्रतिशत तक की और कटौती की संभावना है।
जेपी मोर्गन की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इसके बावजूद मौजूदा वित्तवर्ष में आर्थिक विकास दर की रफ्तार 6.2 प्रतिशत की दर से धीमी पड़ सकती है और वर्ष 2010 तक इसकी रफ्तार 5.5 प्रतिशत तक आ सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा कॉरपोरेट बांड में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने, ब्याज दरों में कटौती और क्षेत्र विशेष के लिए मौद्रिक उपायों की घोषणा की उम्मीद पहले से ही थी, लेकिन इससे विकास दर के बारे में वित्तीय संस्था के पूर्वानुमान बदल नहीं सकते।
उधर, गौल्डमैन के मुताबिक रिजर्व बैंक बैकिंग तंत्र में पूँजी प्रवाह बढ़ाने के लिए नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 150 आधार अंकों की और कटौती कर सकता है।
रैपो और रिवर्स रैपो दर भी क्रमशः 5 और 3.5 प्रतिशत तक घट सकती है, लेकिन इन उपायों के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर मौजूदा वर्ष में घटकर 6.7 तक रहने की आशंका बनी रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक उपायों को बढ़ावा देते समय सरकार को आपूर्ति के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए खासतौर पर ढाँचागत निर्माण क्षेत्र के लिए पूर्व घोषित निवेश योजनाओं को पूरी मजबूती से लागू करना होगा।