डरबन। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आधारभूत संरचना जरूरतों के वित्तपोषण के लिए नया विकास बैंक स्थापित करने के निर्णय के साथ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया गया ताकि इसे और प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाया जा सके और पांच सदस्यीय समूह एवं अन्य विकासशील देशों का बढ़ता प्रभाव प्रतिबिंबित हो सके।
डरबन घोषणा के अनुसार कि हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधार की धीमी रफ्तार पर चिंतित हैं। जैसा कि सहमति हो चुकी है कि हमें 2010 आईएमएफ प्रशासन एवं कोटा सुधार लागू करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत 5 देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन की समापन पर ‘ई थेक्विनी’ (डरबन) घोषणा में कहा गया है कि हम सभी सदस्यों से आग्रह करते हैं कि वे कोटा फॉर्मूला पर समझौते को अमलीजामा पहनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं और जनवरी 2014 तक अगला आम कोटा समीक्षा का कार्य पूरा कर लें।
डरबन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 13 पन्नों के घोषणा में नेताओं ने कहा कि आईएमएफ में उपसहारा अफ्रीका समेत गरीब सदस्यों की आवाज और प्रतिनिधित्व को मजबूत बनाया जाना चाहिए।
घोषणा के अनुसार इसे हासिल करने के लिए खुले मन से सभी संभावनाओं को तलाशा जाना चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली में सुधार और इसे बेहतर बनाए जाने का समर्थन करते हैं जिसमें व्यापक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रणाली हो, जो निश्चितता और स्थायित्व प्रदान कर सके।
ब्रिक्स विकास बैंक गठित किए जाने के निर्णय के कारणों का उल्लेख करते हुए नेताओं ने कहा कि विकासशील देशों को अपर्याप्त दीर्धावधि वित्तपोषण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अभाव में आधारभूत संरचना के विकास से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
पिछले वर्ष नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स एवं अन्य उभरती अर्थव्यवस्था और विकासशील देशों में आधारभूत संरचना और व्यवहार्य विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने के लिए वित्तमंत्रियों को नया विकास बैंक स्थापित करने की व्यवहार्यता की परख करने का निर्देश दिया गया था।
नेताओं ने कहा कि इससे वैश्विक विकास के लिए बहुस्तरीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थाओं के प्रयासों को सहयोग मिलेगा।
घोषणा के अनुसार कि हमारे वित्तमंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर हम नए विकास बैंक स्थापित करने की व्यवहार्य को लेकर संतुष्ट हैं कि हमने नया विकास बैंक स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है। बैंक के लिए प्रारंभिक निवेश अच्छा-खासा और पर्याप्त होना चाहिए ताकि बैंक बुनियादी ढांचा का प्रभावी ढंग से वित्त पोषण कर सके। (भाषा)