टेक महिंद्रा द्वारा अधिग्रहण किए जाने के बाद अब बेशक हजारों करोड़ रुपए के घोटाले में फँसी सत्यम कम्प्यूटर सुधार की राह पर है लेकिन ऐसा लगता है कि वह अब अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भारतीय आईटी कंपनी इन्फोसिस के लिए बड़ी चुनौती नहीं रह गई है।
अपने संस्थापक चेयरमैन बी. रामलिंगा राजू द्वारा हजारों करोड़ रुपए के घोटाले को स्वीकार करने से पहले तक सत्यम हमेशा इन्फोसिस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रही है।
इन्फोसिस की अमेरिकी बाजार नियामक प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के समक्ष दायर की जाने वाली सालाना रपट में सत्यम हमेशा प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों की सूची में शामिल होती थी। लेकिन इन्फोसिस की 31 मार्च 2009 को समाप्त वित्तवर्ष के लिए दायर रपट में सत्यम का नाम नदारद है।
सत्यम और इन्फोसिस दोनों ही अमेरिका में सूचीबद्ध हैं। इन्फोसिस नास्डैक और सत्यम न्यूयॉर्क स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। इस बार दायर रपट में इन्फोसिस ने प्रतिद्वंद्वियों की सूची में से सत्यम के अलावा एचसीएल का नाम हटा दिया है।