दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा है कि नुकसान के मुआवजे की माँग के लिए कोई भी व्यक्ति बीमा नियामक इरडा से संपर्क कर सकता है और इरडा के पास नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेयर की नियुक्ति का भी अधिकार है।
न्यायालय ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की उस दलील को खारिज किया, जिसमें कंपनी ने कहा था कि इरडा के पास इस तरह की याचिका पर विचार करने का अधिकार नहीं है क्योंकि कंपनी द्वारा दावे से इनकार कर दिया गया है।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि बीमा कानून के तहत नियामक को सर्वेयर की नियुक्ति का अधिकार है और यह मायने नहीं रखता कि दावे को कंपनी द्वारा स्वीकार किया गया है या खारिज किया गया है।
इस तरह से इरडा द्वारा स्वतंत्र सर्वेयर की नियुक्ति किया जाना और उससे रिपोर्ट माँगना किसी तरह का गैर-कानूनी काम नहीं है।
न्यायालय का यह फैसला बीमा कंपनी की उस याचिका पर आया जिसमें कंपनी ने अपीलीय प्राधिकरण के आदेश को चुनौती दी थी। प्राधिकरण ने कंपनी को एक निर्यात फर्म को करीब आठ करोड़ रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
आग लगने की घटना में हुए करीब 40 करोड़ रुपए के नुकसान के चलते निर्यातक फर्म ने दावा किया था। (भाषा)