इसके पीछे की सोच है कि इसकी मदद से अन्य स्कूलों में बच्चों में अंग्रेजी बोलने में सुधार होगा। इस प्रयास में हर स्कूल को एक वीडियो अवश्य ही अपलोड करना होगा। सीबीएसई ने वर्ष 2013 में नौंवी, दसवीं व ग्यारहवी कक्षा के विद्यार्थियों में सुनने व बोलने का कौशल विकसित करने और उसकी परख के लिए इसका मूल्यांकन शुरू किया था।