खुशखबर, कम अंक वाले छात्रों को भी मिलेगा डीयू में एडमिशन

बुधवार, 1 जुलाई 2015 (15:39 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिले के लिए ऊंची कट ऑफ से 70-75 फीसदी अंक लाने वाले छात्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है और उनके लिए मौके खत्म नहीं हुए हैं, पर उन्हें मनमाफिक कॉलेजों की बजाए इवनिंग कॉलेजों में ही स्थान मिल सकता है।
डीयू के शिक्षकों का मानना है कि आने वाली कट ऑफ की सूची में बाहरी कॉलेजों और इवनिंग कॉलेजों  में कटऑफ में कमी आ सकती है। ऐसे में हिन्दी, इतिहास और राजनीति विज्ञान जैसे विषयों में 70-75  फीसदी अंक लाने वाले छात्रों को भी दाखिला मिल सकता है। इसके अलावा छात्रों के पास कुछ कॉलेजों में  बीए प्रोग्राम में भी दाखिला प्राप्त करने का मौका है।
 
गौरतलब है कि डीयू ने अब तक अपनी दो कट ऑफ सूचियां जारी की हैं, जो ज्यादातर कॉलेजों में 90  फीसदी से ऊपर ही बनी हुई है। रामलाल आनंद कॉलेज में प्रोफसर डॉ. नीलम ऋषिकल्प ने कहा कि कम अंक लाने वाले छात्रों के लिए  भी डीयू में दाखिला लेने की उम्मीद है। उन्हें इवनिंग कॉलेजों में दाखिला मिल सकता है।
 
उन्होंने कहा कि 70-75 फीसदी अंक लाने वाले छात्रों को कॉमर्स के विषयों में तो दाखिला नहीं मिल पाएगा, लेकिन हिन्दी ऑनर्स और इतिहास ऑनर्स में दाखिला मिलने की उम्मीद है। डॉ. नीलम ने कहा कि 75 फीसदी से थोड़ा ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को बीए प्रोग्राम में भी दाखिला मिल सकता है, लेकिन इसके लिए पैमाना अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग होगा।
 
दूसरी ओर, रामानुज कॉलेज में हिन्दी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. अनुपम ने कहा कि आने वाली  कटऑफ सूची में कमी आने की उम्मीद है और छात्रों को बाहरी कॉलेजों में हिन्दी ऑनर्स और इतिहास  ऑनर्स में दाखिला मिल सकता है और हिन्दी ऑनर्स में आखिर तक कट ऑफ आएंगी।
 
डीयू में अब तक जारी की गई दो कटऑफ में डीयू के नामी कॉलेजों में 90 फीसदी से ज्यादा अंक लाने  वाले छात्र ही दाखिले की दौड़ में नजर आ रहे हैं। इसके अलावा छात्रों में नॉर्थ कैम्पस के कॉलेजों में  दाखिला लेने को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है।
 
डॉ. अनुपम ने कहा कि कुछ कॉलेजों में राजनीतिक विज्ञान में भी छात्रों को दाखिला मिलने की उम्मीद है जिसमें कटऑफ घटकर 75 प्रतिशत तक चली जाती है, इतिहास ऑनर्स में भी 70.75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को दाखिले की उम्मीद है।
 
उन्होंने कहा कि संध्या कॉलेजों में बीए प्रोग्राम में भी कटऑफ 75 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बाहरी कॉलेजों (उत्तर परिसर के बाहर) जैसे शिवाजी, श्रद्धानंद, श्यामलाल, अरबिंदो और  मोतीलाल नेहरू (संध्या) कॉलेजों में छात्रों के लिए उम्मीद की किरण बाकी है। डॉ. नीलम ने कहा कि आजकल छात्र मॉर्निंग और इवनिंग कॉलेजों में फर्क नहीं करते हैं और इवनिंग  कॉलेजों में दाखिला ले लेते हैं। (भाषा) 
 

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