विरोध के बीच JEE Main 2020 शुरू, कोरोनाकाल में केंद्रों पर बरती गई ये सावधानियां, देखें Photos

मंगलवार, 1 सितम्बर 2020 (19:55 IST)
नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी और सख्त ऐहतियाती कदमों के बीच मंगलवार को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन्स का आयोजन शुरू हुआ।
अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक पाली की परीक्षा शुरू होने और दूसरी पाली की परीक्षा के बाद सभी सीटों की पूरी तरह से साफ-सफाई की गई और वर्कस्टेशन एवं कीबोर्ड को विषाणु मुक्त बनाया गया।
देशभर में विभिन्न परीक्षा केंद्रों में अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वारों पर सेनेटाइजर की व्यवस्था तथा कतारों में उम्मीदवारों को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क का वितरण जैसे प्रबंध आमतौर पर देखने को मिले।कोविड-19 के कारण जेईई (मुख्य) प्रवेश परीक्षा इससे पहले दो बार टाली जा चुकी हैं और अब ये 1 से 6 सितंबर के बीच निर्धारित हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार और परीक्षा हॉल के अंदर हैंड सैनिटाइजर हर समय उपलब्ध कराए गए हैं। उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र जांचने की स्वभाविक प्रक्रिया से इतर इस बार बारकोड रीडर लगाया गया है जिन्हें परीक्षा केंद्र पर अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया है। 
उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र पर मास्क और सैनिटाइजर के साथ आने को कहा गया है और केंद्र में प्रवेश करने पर उन्हें परीक्षा प्राधिकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मास्क का उपयोग करना है। प्रत्येक उम्मीदवार को प्रवेश करने के समय तीन प्लाई मास्क पेश किए जा रहे हैं। परीक्षा की पहली पाली सुबह साढ़े नौ बजे और दूसरी पाली दोपहर 2.30 बजे हुई। 
करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने आईआईटी, एनआईटी और केंद्र पोषित तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिये जेईई मुख्य परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।  ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने उम्मीदवारों को आश्वस्त किया है कि उनके आने-जाने की व्यवस्था की जाएगी।

इसके अतिरिक्त आईआईटी के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों ने भी एक पोर्टल शुरू किया है ताकि जरूरतमंद छात्रों को परिवहन सुविधा प्रदान की जा सके। कोविड-19 के प्रसार के कारण जेईई मेन्स और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आयोजन को स्थगित करने की मांग की जा रही थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा स्थगित करने के संबंध में एक याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि छात्रों के बहुमूल्य वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता।

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