गेम्स डेवलपमेंट में बनाएं करियर

Career in Video Games Development : कुछ दशकों पहले तक वीडियो गेम्स बहुत लोकप्रिय थे। उस वक्त अक्सर लोग किसी वीडियो गेम्स कैफे या सेंटर में जाकर गेम्स खेलते थे, लेकिन अब लोग इंटरनेट के जरिए ही अपने स्मॅार्टफोन पर वीडियो गेम्स खेलते हैं। इंटरनेट ने पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया को बदला है। इसने वीडियो गेम्स की एक नई दुनिया भी तैयार कर दी है।

आज अधिकतर स्मॉर्टफोन यूजर्स कभी न कभी वीडियो गेम्स जरूर खेलते हैं। मौजूदा वक्त में दुनियाभर में 5 अरब 30 लाख से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। इंटरनेट और स्मॉर्ट टेक्‍नोलाजी के बदलते ट्रेंड्स पर विविध रिपोर्टस प्रकाशित करने वाली कंपनी स्टैटिस्टा के आंकड़े बताते हैं कि 60 फीसदी लोग अपने मोबाइल फोन के जरिए ही इंटरनेट का उपयोग करते हैं।

ऐसे में वीडियो गेम्स, स्ट्रीमिंग और डाउनलोडिंग का चलन भी खूब बढ़ा है। कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुनियाभर में साल 2023 में वीडियो गेम का मार्केट 385 बिलियन डॉलर का रहा, अनुमान है कि 2027 तक इसमें 7.9 प्रतिशत की सालाना वृद्धि बनी रहेगी। पिछले कुछ सालों में गेमिंग की दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहे हैं।
 
आज यह एक सबसे तेजी से विकसित होता हुआ उद्योग है। आंकड़े बताते हैं कि 2.8 बिलियन लोग दुनियाभर में गेम खेलते हैं। ऐसे में गेम्स इंडस्ट्री में करियर के अनेकों शानदार अवसर मौजूद हैं। अगर आप एक गेम डेवलपर बनना चाहते हैं तो आइए जानते हैं क्या करना होगा :
 
क्या करते हैं गेम डेवलपर
किसी भी गेम का डेवलपमेंट एक पूरी टीम करती है। इसमें कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से लेकर रिसर्च और क्रिएटिव आर्ट्स के लोग शामिल होते हैं। हर किसी टीम और उसके मेंबर्स का इसमें महत्वपूर्ण रोल होता है। दरअसल यूं भी कह सकते हैं कि गेमिंग में टेक्नोलॉजी और क्रिएटिव स्किल्स को मिलाकर इंटरएक्टिव वीडियो गेम्स तैयार किए जाते हैं। ये गेम्स किसी एक व्यक्ति या समूह में खेलने के लिए तैयार किए जाते हैं।
 
नैसकॉम की रिपोर्ट बताती है कि अकेले भारत में ही गेमिंग इंडस्ट्री 890 मिलियन डॉलर का एक संगठित उद्योग है। हालांकि इसमें अभी और बदलाव आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अभी इसमें बहुत संभावनाएं मौजूद हैं। बहरहाल किसी एक गेम डेवलपर का महत्वपूर्ण काम होता है कि वह किसी गेम के लिए काम करने वाली टीम के साथ एक सपोर्टिव मेंबर के बतौर काम करे।
 
उसका काम किसी गेम के लिए कोडिंग डेवलपमेंट या फिर गेम के लिए किसी कैरेक्टर या ऑब्जेक्ट की एनिमेटर टीम के साथ प्रोजेक्ट तैयार करने का हो सकता है। यह भी हो सकता है कि टीम में उसे पूरे गेम में किसी बग या किसी और तकनीकी समस्या के निदान संबंधी कोई टॉस्क दिए जाएं। गेम के ऑडियो-वीडियो एलिमेंट्स में कोई टेक्नीकल इनपुट देने के लिए भी एक गेम डेवलपर को कहा जा सकता है।
 
गेम में स्टोरी बोर्ड बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए हर डेवलपर को इसकी भी जानकारी होनी चाहिए। तो ऐसा भी हो सकता है कि एक डेवलपर बतौर आपको इस तरह की क्रिएटिव टीम के साथ मिलकर काम करना हो। कुल मिलाकर देखें तो एक गेम डेवलपर का काम मल्टी टास्किंग का होता है।
 
कैसे बनें गेम डेवलपर
एक गेम डेवलपमेंट पूरी टीम का काम होता है। अगर आप गेमिंग इंडस्ट्री में आना चाहते हैं तो तो सबसे पहले आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप इंडस्ट्री में खुद को किस रोल में देखते हैं। मसलन अगर आपको टेक्नोलॉजी अच्छी लगती है,  इसकी तरफ आपका रुझान है तो कंप्यूटिंग की डिग्री या डिप्लोमा आपको काम आ सकता है। फिर अगर आप आर्टस या क्रिएशन के प्रति रुख रखते हैं तो आपके लिए जरूरी होगा कि एक राइटिंग या विजुअल आर्टस, ग्राफिक्स का कोई कोर्स करने के बाद आप इस इंडस्ट्री में आएं।
 
हालांकि हमारे देश में या फिर बहुत सी विदेशी यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूशंस गेम डेवलपिंग से रिलेटेड स्पेशलाइज्ड कोर्सेज भी करवा रहे हैं। साउथ कोरिया में जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी समेत यूएस, कनाडा और यूरोप की कई यूनिवर्सिटीज में गेम डेवलपमेंट के कोर्स चलते हैं। तो एक गेमर बनने के लिए इस तरह का कोई भी कोर्स करना बेहतर रहेगा। कोर्स करने के दौरान किसी कंपनी में इंटर्न जरूर करें।
 
एक गेम डेवलपर बनने के लिए इंडस्ट्री में खुद के रोल को तय करना जरूरी।
कंप्यूटिंग की डिग्री या डिप्लोमा या फिर राइटिंग या विजुअल आर्टस, ग्राफिक्स का कोर्स करना फायदेमंद।
देश के कई संस्थानों समेत बहुत सी विदेशी यूनिवर्सिटीज से स्पेशलाइज्ड कोर्सेज कर सकते हैं।
कोर्स करने के दौरान किसी कंपनी में इंटर्न जरूर करें। यह प्रैक्टिकल एक्सपोजर के लिए बहुत जरूरी।
 
स्किल और एप्टीट्यूड
किसी भी फील्ड में कुछ काम करने के लिए आपको बुनियादी कौशल की आवश्यकता पड़ती है। इसके साथ ही उस क्षेत्र से जुड़े एप्टीट्यूड भी होना जरूरी है। जहां तक गेम डेवलपमेंट की बात है तो एक गेम डेवलपर में भी कुछ जरूरी कौशल होने चाहिए।  गेमिंग सिर्फ कंप्यूटिंग का कमाल नहीं होता। उसे बहुत ही क्रिएटिव और इंटरैक्टिव होना होता है। ऐसे में एक गेम डेवलपर के भीतर क्रिएटिविटी होना बहुत आवश्यक है।
 
एक गेम डेवलपर को विजुअल या फिर आर्टस डिजाइनर के साथ मिलकर बिल्कुल रियलिस्टिक खेल का वातावरण तैयार करना होता है। डेवलपर को पता होना चाहिए कि किस तरह की स्टोरी लाइंस किसी गेम या उसके कैरेक्टर से जुड़ी होनी चाहिए। इसलिए यह जरूरी है कि गेम डेवलपर क्रिएटिविटी और आर्ट को समझने वाला हो यानी 
 
 
उसमें इस इंडस्ट्री के लिए जरूरी हर स्किल होनी चाहिए। गेम खेलना एक पैशन वाला काम है। गेमर्स इसमें बहुत वक्त बिताते हैं। इसलिए गेम डेवलप करने वाली टीम और उसके मेंबर्स के भीतर गेम्स को लेकर पैशन यानी जुनून होना भी बहुत जरूरी है।
 
डेवलपर को गेम्स की प्रोग्रामिंग का शानदार नॉलेज होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि कोडिंग के जरिए ही गेम मैकेनिक्स और एनवायरमेंट को तैयार किया जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि गेम डेवलपमेंट के सेक्टर में काम करने वाले मेंबर्स को प्रोग्रामिंग की बुनियादी जानकारी होना आवश्यक है। डेवलपर को एनिमेशन का भी थोड़ा-बहुत ज्ञान बहुत जरूरी है क्योंकि कैरेक्टर्स और तमाम ऑब्जेक्ट्स एनिमेटेड फॉर्म में ही मूव करते हैं।
 
इसलिए एक गेम डेवलपर को एनिमेशन के स्किल भी आएं। गेम डेवलपमेंट एक टीम वर्क है। बहुत से लोग मिलकर के एक गेम को तैयार करते हैं इसलिए डेवलपर को टीम प्लेयर होना भी बहुत जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट आना भी आवश्यक है क्योंकि किसी भी प्रोजेक्ट का एक निश्चित समय होता है अगर आप निश्चित समय में उस टास्क को पूरा करते हैं तो आपका गेम अच्छा डेवलप हो सकता है।
 
सैलरी ट्रेंड्स
सैलरी के लिहाज से गेमिंग एक अच्छा फील्ड है। दुनियाभर में अलग-अलग क्षेत्रों में कैरियर ट्रेंड्स और सैलरी आदि पर नजर रखने वाली कंपनी ग्लासडोर की रिपोर्ट बताती है कि हमारे यहां किसी एक गेम डेवलपर का सालाना पैकेज 6 लाख तक हो सकता है।

हालांकि कुछ मामलों में अगर आपका अनुभव अच्छा है और किसी अच्छी कंपनी से आपकी शुरुआत होती है तो यह सालाना 11 लाख रुपए तक जा सकता है। हर सेक्टर के जैसे इस क्षेत्र में भी जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता रहेगा, आपका वेतन भी बढ़ेगा। इस तरह अगर हम देखें तो सैलरी के मामले में गेमिंग एक शानदार करियर है।
 
फ्यूचर ट्रेंड्स
जैसे-जैसे दुनियाभर में इंटरनेट का प्रसार और नई टेक्नोलॉजी का विस्तार होगा वैसे-वैसे गेम डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी बहुत से बदलाव आएंगे। यह संभावनाओं से भरा सेक्टर है। एआर और वीआर टेक्नोलॉजी लगातार विकसित हो रही हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि साल 2026 तक एआर और वीआर गेम्स मार्केट 11 बिलियन डॉलर का रहेगा, जिसमें सालाना वृद्धि 18.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
 
मोबाइल फोन के जरिए गेम खेलने का चलन पूरी दुनिया में बढ़ा है। जानकारों का मानना है कि 5जी टेक्नोलॉजी के जरिए मोबाइल गेम्स खेलने का चलन और अधिक बढ़ेगा। आने वाले वक्त में तकनीकें तेजी से और बेहतर होंगी। बड़ी कंपनियां गेम्स में खूब निवेश कर रही हैं। ऐसे में गेम्स डेवलपमेंट के सेक्टर में शानदार करियर की संभावनाएं बनी रहेंगी।
Edited By : Chetan Gour

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी