विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के अंतर्गत स्टूडेंट्स तीन तरह के कोर्सेस ले सकेंगे जिसमें फाउंडेशन, इलेक्टिव और कोर शामिल होंगे। साथ ही स्टूडेंट्स को कोर सब्जेक्ट हर सेमेस्टर में लेने होंगे यह अनिवार्य होगा। साथ ही उन्हें हर सेमेस्टर एक सब्जेक्ट इलेक्टिव से रूप में चुनना होगा जो उनके विषयों से अलग होगा।