मुंबई। आईआईटी बंबई (IIT Bombay) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने से 18 वर्षीय एक छात्र केवल इसलिए चूक गया क्योंकि उसने 'अनजाने' में एक 'गलत' लिंक पर क्लिक कर दिया जो प्रक्रिया से बाहर होने से संबंधित था। इसके बाद आगरा के रहने वाले छात्र सिद्धांत बत्रा ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
छात्र ने न्यायालय से आईआईटी को उसे प्रवेश देने के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया है। इससे पहले आईआईटी ने इस चरण में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इंकार किया था, क्योंकि पाठ्यक्रम की सभी सीटें भर चुकी हैं और दाखिले के नियमों का पालन जरूरी था। साथ ही आईआईटी ने कहा कि बत्रा अगले वर्ष फिर से जेईई (एडवांस) में आवेदन कर सकते हैं।
बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने 23 नवंबर को बत्रा की याचिका खारिज कर दी थी, वहीं उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में बत्रा ने आईआईटी को उसके दाखिले के मामले को मानवीय आधार पर विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। साथ ही उसके लिए एक सीट बढ़ाने का आग्रह किया है। अपने माता-पिता की मौत के बाद छात्र अपने दादा-दादी के साथ रहता है। (भाषा)