देश के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा का अधिकार देने के बाद सरकार अब माध्यमिक शिक्षा का अधिकार भी देने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले पाँच वर्षों में माध्यमिक शिक्षा को भी बच्चों के मौलिक आधार के रूप में शामिल किया जा सकता है। जिसके तहत बच्चों के लिए माध्यमिक शिक्षा भी अनिवार्य व मुफ्त होगी।
उल्लेखनीय है कि संसद के पिछले सत्र में सरकार ने 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त तथा अनिवार्य शिक्षा बिल पारित किया था। इसके तहत शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार बन गई थी। वैश्वीकरण और विकास पर आयोजित यहाँ एक बैठक में सिब्बल ने कहा कि 2013 या 2015 तक सरकार बच्चों के लिए माध्यमिक शिक्षा भी मुफ्त व अनिवार्य कर सकती है।
उन्होंने कहा कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून को लागू करने में सरकार को पाँच साल में एक लाख 71 हजार 484 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे और पाँच लाख दस हजार शिक्षकों को भर्ती करना पड़ेगा। सिब्बल ने बताया कि इस वर्ष 27 अगस्त को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून भारत के गजट में प्रकाशित हो गया। लेकिन अभी यह कानून लागू नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि 2006-07 में प्राथमिक शिक्षा में दाखिला दर 111.24 प्रतिशत था।