पूर्व प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड की आईसीसी की अध्यक्षता सम्बन्धी उम्मीदवारी खारिज होने से बेहद नाराज क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा है कि इस घटना से वह अपमानित महसूस कर रहा है और इसका आईसीसी के साथ उसके रिश्तों पर असर पड़ेगा।
सीए के अध्यक्ष जैक क्लार्क ने हालाँकि इसके लिए भारत को दोष देने से मना किया लेकिन कहा कि इस मुल्क का आईसीसी पर वित्तीय दबदबा होना अच्छी बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यापारिक ढाँचे में एक कम्पनी का 75 प्रतिशत के बराबर आमदनी का योगदान होना ठीक नहीं है। उसे आदर्श ढाँचा नहीं कहा जा सकता। फॉक्स स्पोर्ट्स ने क्लार्क के हवाले से कहा कि जो कुछ हुआ, उसके लिए भारत दोषी नहीं है। वह शक्तिशाली पक्ष है लेकिन यही सचाई भी है।
उन्होंने कहा कि आप समझते हैं कि इससे आईसीसी के साथ हमारे रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन ऐसा नहीं है। आखिर जॉन हॉवर्ड जैसे बड़े कद के व्यक्ति को उस जिम्मेदारी के योग्य नहीं समझा गया। अगर हॉवर्ड को चुन लिया जाता तो वह वर्ष 2012 में आईसीसी के अध्यक्ष बन जाते।
गौरतलब है कि ताकतवर एफ्रो-एशियाई लॉबी ने हॉवर्ड की उम्मीदवारी नामंजूर कर दी थी और बकौल क्लार्क, हॉवर्ड को नामांकित करने वाले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लिए यह हताशा वाली बात है। (भाषा)