विश्व कप में भारत की हार के बाद बेहद सतर्कता बरत रही विज्ञापनदाता कंपनियों को बांग्लादेश में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत भी नहीं लुभा पाई।
इन कंपनियों की निगाहें अब इंग्लैंड दौरे पर टिकी हुई हैं, जहाँ उन्हें भारतीय टीम से बेहतर प्रदर्शन की आस है।
जी स्पोर्ट्स के भारतीय क्रिकेट बोर्ड से अनुबंध खत्म करने के बाद विज्ञापनदाताओं की चिंता और बढ़ गई है, जिसने उन्हें फूँक-फूँककर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। उन्हें अब यह भय सता रहा है कि कहीं वे दोबारा क्रिकेट पर पैसा लगाकर नुकसान में न रहें।
मीडिया ग्रुप के प्रमुख पीयूष श्रीवास्तव ने बताया विश्व कप में भारत के पहले दौर से बाहर होने पर विज्ञापनदाताओं की दिलचस्पी कम हो गई थी, जो अब टीम इंडिया के बेहतर प्रदर्शन की आस लगाये बैठे हैं। अब वे अपना पैसा फँसाना नहीं चाहते क्योंकि निवेश पर लाभ की संभावना कम होती है।
उन्होंने कहा कि अगर 7 जुलाई से 8 सितंबर तक होने वाली इंग्लैंड श्रृंखला में टीम अच्छा प्रदर्शन करती है तो विज्ञापनदाता सितम्बर में होने वाली ट्वेंटी-20 श्रृंखला में दोबारा वापसी कर सकते हैं।
विश्व कप में भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन के अलावा सरकार का प्रसार भारती के साथ लाइव फीड बांटना अनिवार्य कर देने से भी क्रिकेट के व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है।
श्रीवास्तव ने कहा प्रसार भारती से लाइव फीड बाँटने को अनिवार्य कर देने के सरकार के फैसले के कारण भी प्रसारकों की दिलचस्पी घटी है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले राजस्व पर इसका असर पड़ा है।