धोनी-कार्तिक बेसिक्स पर ध्यान दें

सोमवार, 6 अगस्त 2007 (18:43 IST)
पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैय्यद किरमानी का मानना है कि इंग्लैंड में महेंद्रसिंह धोनी को स्टंप के पीछे इसलिए परेशानी हो रही है क्योंकि विकेटकीपिंग की मूल बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

किरमानी देश के सर्वश्रेष्ठ कीपर माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि धोनी सीधे खड़े होते हैं, यही मौजूदा समस्या का मुख्य कारण है। मेरे हिसाब से धोनी और दिनेश कार्तिक में जरूरी तकनीक की कमी है।

वह यहाँ एक कार्यक्रम के लिए आए हुए थे। उन्होंने कहा नैसर्गिक विकेटकीपर हमेशा अपने टखनों पर खड़ा होता है। पहले उन्हें सही तकनीक सीखनी चाहिए। इनमें भविष्य में स्टंप के पीछे सफलता दिलाने के लिए जरूरी तकनीक की कमी है।

किरमानी ने 1976-86 के बीच 88 टेस्ट खेलकर 198 खिलाड़ियों के विकेट झटके। उन्होंने कहा धोनी और कार्तिक नैसर्गिक विकेटकीपर नहीं हैं। नैसर्गिक विकेटकीपर में रिफलेक्स और एथलेटिक चीजें मौजूद होती हैं।

धोनी और कार्तिक की स्टंप के पीछे असली परीक्षा तब होगी, जब उनका बुरा दौर चल रहा होगा।
उन्होंने कहा अब वे मैच विजेता हैं, इसलिये कोई भी उनकी सही तकनीक पर ध्यान नहीं दे रहा है।

किरमानी ने इंग्लैंड में धोनी के काउंटी विकेटकीपरों से सलाह लेने की आलोचना करते हुए कहा अगर वे सुधार करना चाहते हैं तो उन्हें इंग्लैंड के महान विकेटकीपरों जैसे एलन नॉट और बॉब टेलर से बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा वे इंग्लैंड के क्लब विकेटकीपरों और भारतीय गेंदबाजी कोच राबिन सिंह से गुर सीखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा राबिन सिंह विकेटकीपिंग के बारे में क्या जानता है। उन्होंने कहा कि धोनी और कार्तिक ने कभी भी उनसे सीख लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

किरमानी ने कहा वे कई बार मुझसे मिले लेकिन उन्होंने कभी भी विकेटकीपिंग के बारे में सलाह नहीं माँगी।

किरमानी ने बीसीसीआई पर दोष मढ़ते हुए कहा कि वह उनके अनुभव और प्रतिभा का इस्तेमाल नहीं कर रही है। उन्होंने कहा ना ही बीसीसीआई और ना ही एनसीए ने अंडर 15, 16 और 17 स्तर पर प्रतिभा खोजने के लिए मुझे आमंत्रित किया।

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