पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने टेस्ट टीम से बाहर किए गए युवराजसिंह को अपनी रातें पार्टियों में गुजारने के बजाय क्रिकेट पर ध्यान लगाने की सलाह दी।
कपिल ने 'मीट द प्रेस' कार्यक्रम में युवराज की पार्टी करने की आदत के बारे में पूछे जाने पर कहा उसे (युवराज) को क्रिकेट पर ध्यान लगाना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्हें अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कहीं और करने के बजाय सही जगह लगाना चाहिए।
युवराज और उनके पिता योगराजसिंह के बीच तुलना करने पर इस पूर्व टेस्ट क्रिकेटर ने कहा अगर युवराज अपने पिता की कड़ी मेहनत का 50 प्रतिशत भी लगा दे तो कोई भी उन्हें टेस्ट टीम से नहीं हटा सकता।
देश के एकमात्र विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा युवराज एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है, लेकिन उन्हें ज्यादा समय मैदान पर बिताना चाहिए और क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा वह एक युवा खिलाड़ी हैं। मैं समझ सकता हूँ कि उसकी उम्र के खिलाड़ी में काफी साहस होता है।
बीसीसीआई के विदेशी कोचों से लगाव के बारे में कपिल ने कहा मुझे लगता है कि बोर्ड स्मार्ट बन गया है। देश में अच्छे खिलाड़ियों की कमी नहीं है जो अच्छे कोच बन सकते हैं।
भारत के लिए 131 टेस्ट मैचों में 434 टेस्ट विकेट चटकाने वाले कपिल ने कहा बड़े संस्थानों को पता होना चाहिए मेरे और सुनील गावस्कर जैसे खिलाड़ियों का इस्तेमाल कैसे किया जाए। अगर वे ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो यह उनकी गलती है।
बिना किसी का नाम लिए कपिल ने आरोप लगाया कि कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते कि पूर्व क्रिकेट आगे आएँ और खेल का भला करें। उन्होंने कहा गावस्कर देश के लिए काम करना चाहते हैं। मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के अनुसार ऐसा करता हूँ। इसके सिवाय मैं क्या कर सकता हूँ।
बागी इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) और बीसीसीआई की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संदर्भ में कपिल ने कहा क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए एक के अधिक संगठन के काम करने में कुछ भी गलत नहीं है। एक संगठन सब-कुछ नहीं कर सकता।
कपिल ने दो पूर्व कप्तानों सौरव गांगुली और सचिन तेंडुलकर की भी तारीफ की। उन्होंने कहा जब तक तेंडुलकर खेलता रहेगा हमें खुशी होगी।