भारतीय टीम जीत के मुहाने पर

मंगलवार, 7 अगस्त 2007 (11:48 IST)
उपकप्तान पार्थिव पटेल 124 और मध्यक्रम के बल्लेबाज एस बद्रीनाथ नाबाद 133 की शतकीय पारियों के बाद लेग स्पिनर पीयूष चावला की धारदार गेंदबाजी की मदद से भारत 'ए' तीन दिवसीय मैच के दूसरे ही दिन सोमवार को केन्या को पारी के अंतर से हराने के नजदीक पहुँच गया।

दिन का खेल समाप्त होने तक केन्या का स्कोर आठ विकेट पर 191 रन था। चावला ने 31 रन देकर चार विकेट झटकते हुए केन्याई मध्यक्रम की कमर तोड़ दी। अब केन्या को पारी की हार से बचने के लिए अभी 119 रन और बनाने होंगे, जबकि उसके केवल दो विकेट ही बचे हुए हैं।

इससे पहले भारत 'ए' ने पार्थिव और बद्रीनाथ के शतकों के बूते आठ विकेट पर 406 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी। इस तरह भारत 'ए' को केन्या के खिलाफ 309 रन की भारी बढ़त हासिल हो गई। केन्या की पहली पारी महज 97 रन पर ही लुढ़क गई थी।

भारत 'ए' के दोनों नाबाद बल्लेबाजों पार्थिव और बद्रीनाथ ने चार विकेट पर 205 रन के स्कोर से आगे खेलते हुए पाँचवे विकेट के लिए शतकीय भागीदारी कर दी। पार्थिव अपने पिछले स्कोर में 24 रन जोड़कर हिरेन वरैया की गेंद पर जिमी कमांडे को कैच दे बैठे। उन्होंने 159 गेंदों पर 18 चौकों की मदद से शानदार 124 रन बनाए।

बद्रीनाथ ने उसके बाद इरफान पठान (32) के साथ मिलकर टीम के स्कोर को 326 रन पर पहुँचाया था कि पठान भी उनका साथ छोड़ गए। पठान के आउट होने के तत्काल बाद भारत 'ए' के दो विकेट और गिर गए। उस समय ऐसा लगने लगा था कि भारत 'ए' की पारी जल्द ही समाप्त हो जाएगी।

लेकिन बद्रीनाथ को पंकज सिंह के रूप में एक दमदार साथी मिल गया और इन दोनों ने आउट हुए बगैर नौवें विकेट के लिए 76 रन जोड़ डाले। भारत 'ए' ने 95 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 406 रन के स्कोर पर जब अपनी पारी घोषित की, तो बद्रीनाथ 133 रन और पंकज 40 रन बनाकर खेल रहे थे।

बद्रीनाथ ने 180 रन की अपनी आक्रामक पारी में 18 चौके लगाने के अलावा दो गगनचुंबी छक्के भी ठोंक डाले। पंकज ने भी आखिर में गेंद को मनचाहे तरीके से सीमा के पार भेजा। पंकज ने 40 रन की नाबाद पारी में दो चौके और तीन छक्के लगाए।

इस तरह भारी बढ़त के बोझ तले दबने के बाद केन्या ने जब अपनी दूसरी पारी शुरू की तो उसके खिलाड़ियों पर दबाव शुरू से ही दिखाई दे रहा था। कोलिंग ओबुया 51 को छोड़कर केन्या का कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का विश्वास के साथ सामना नहीं कर सका।

हालाँकि मॉरिस ओउमा 35 और डेविड आबुया ने पहले विकेट के लिए 40 रन जोड़कर ठीक-ठाक शुरुआत की, लेकिन पठान ने ओबुया को चावला के हाथों कैच कराने के साथ ही केन्याई पारी के अंत की शुरुआत कर दी। अगले ही ओवर में पंकज ने भी एलेक्स ओबांदा को शून्य पर पगबाधा आउट करके दबाव बढ़ा दिया।

थोड़ी देर बाद ओउमा की तेजतर्रार पारी का भी अंत हो गया। उन्होंने 30 गेंदों पर पाँच चौकों और एक छक्के की मदद से 35 रन बनाए। उनकी इस पारी का ही असर था कि केन्या 10वें ओवर में ही 61 के स्कोर तक पहुँच गया था, लेकिन इसी के साथ उसके तीन विकेट भी गिर गए थे।

लेकिन उसके बाद तन्मय मिश्रा और ओबुया ने अगले 16 ओवरों में सँभलकर खेलते हुए 59 रन की साझेदारी कर डाली। जब यह जोड़ी जमती हुई दिखाई दे रही थी उसी समय चावला ने तन्मय को अपना शिकार बना लिया। कमांडे केवल एक रन और कप्तान स्टीव टिकोलो 13 रन बनाकर जल्द ही पैवेलियन लौट गए।

थोड़ी देर बाद ओबुया भी 51 रन बनाकर यो महेश की गेंद पर पंकज को कैच दे बैठे। इस तरह 160 रन पर केन्या के सात विकेट गिर चुके थे और ऐसा लग रहा था कि भारत 'ए' इस मैच को आज ही अपनी झोली में डाल लेगा, लेकिन राजेश भूडिया 25 ने पीटर ओनगोंडो के साथ मिलकर मैच के नतीजे को अंतिम दिन तक के लिए टाल दिया।

खेल समाप्त होने तक ओनगोंडो 24 गेंदों पर छह रन बनाकर खेल रहे थे, जबकि वरैया अपना खाता भी नहीं खोल सके थे।

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