ऑस्ट्रेलिया के विवादास्पद अंपायर रोस इमरसन का मानना है कि दिग्गज श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेने के हकदार नहीं हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी 1999 में वनडे के दौरान पूर्व अंपायर रोस इमरसन ने मुथया मुरलीधरन के संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण उनकी सात गेंदों को नो बॉल करार दिया था। इस मैच के बाद इमरसन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में मेरे नजरिए में कोई परिवर्तन नहीं आया है और मुरलीधरन सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड का हकदार नहीं है। इमरसन के हवाले से ‘द डेली टेलीग्राफ’ ने कहा कि आप शेन वॉर्न के रिकॉर्ड से इसकी तुलना नहीं कर सकते क्योंकि वॉर्न के गेंदबाजी एक्शन पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। मुरली भी दिग्गज गेंदबाज है लेकिन उन्होंने कई बार क्रिकेट के कानून के तहत गेंदबाजी नहीं की।
टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले मुरलीधरन ने भारत के खिलाफ गाले में होने वाले पहले टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने का निर्णय लिया है। मुरलीधरन के एक्शन को सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हेयर ने 1995-96 में संदिग्ध करार दिया था। हेयर अपने इस निर्णय को अब भी सही ठहराते हैं।
हेयर ने कहा कि मुझे उनके रिकॉर्ड से कोई परेशानी नहीं है लेकिन उनका एक्शन क्रिकेट के नियमों के अनुसार सही नहीं बैठता। (भाषा)