हस्तक्षेप नहीं करेगी आईसीसी

गुरुवार, 23 अगस्त 2007 (09:42 IST)
भारतीय क्रिकेट बोर्ड और इंडियन क्रिकेट लीग के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रही रस्साकशी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बुधवार को साफ किया कि यह बीसीसीआई का अंदरूनी मामला है और वह अभी इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगी।

आईसीसी ने इसके साथ ही कहा कि इस करोड़ों डॉलर के लीग से जुड़ने वाले खिलाड़ियों के बारे में फैसला करना संबंधित बोर्ड का काम है।

आईसीसी प्रवक्ता ने दुबई से कहा कि आईसीसी कार्यकारी बोर्ड ने नीतिगत फैसला किया है कि इस मामले से निबटने का अधिकार केवल बीसीसीआई को है। आईसीएल को मान्यता देने या न देने का फैसला बीसीसीआई को करना है।

उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के प्रतिनिधि ने लॉर्ड्स में जून में कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भी आईसीएल का मुद्दा उठाया था। कार्यकारी बोर्ड ने बीसीसीआई से कहा कि यह अंदरूनी मामला है और वह आईसीएल को मान्यता देने या न देने का फैसला उस पर छोड़ता है। आईसीसी ने भारतीय बोर्ड से कहा कि क्रिकेट को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा आईसीसी कार्यकारी बोर्ड जिसके सदस्य टेस्ट खेलने वाले सभी देश हैं, ने नीतियाँ बनाई हैं जिसका संबंधित बोर्ड अनुसरण करते हैं।

बीसीसीआई ने आईसीएल से जुड़ने के कारण पूर्व कप्तान कपिल देव को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा बागी लीग से जुड़ने वाले 44 खिलाड़ियों पर भारत या घरेलू स्तर पर खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया।

यह फैसला कल मुंबई में विशेष आमसभा की बैठक में लिया गया, जिसमें प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की मैच फीस भी बढ़ाई गई। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी इसी तरह का फैसला करते हुए आईसीएल से जुड़ने वाले चारों खिलाड़ियों पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक, मोहम्मद यूसुफ, इमरान फरहत और अब्दुल रज्जाक पर प्रतिबंध लगा दिया।

आईसीसी प्रवक्ता ने कहा कि यह पीसीबी का एकाधिकार है कि वह अपने खिलाड़ियों पर किस तरह की कार्रवाई करता है। इसी तरह से अन्य बोर्ड भी आईसीएल मामले में कार्रवाई कर सकते हैं।

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