भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली हाल ही में अस्पताल में भर्ती हुए थे। आज फिर उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबर से उनके फैंस को चिंता होने लगी है। गौरतलब है कि साल के शुरुआत में ही सौरव गांगुली को सीने में दर्द के बाद कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी।
सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम की कमान जब संभाली थी तो टीम फिक्सिंग कांड, गुटबाजी और फिटनेस की समस्याओं से जूझ रही थी। सौरव गांगुली ने भले ही आईसीसी ट्रॉफी उतनी न जीती हो लेकिन फिक्सिंग काल में फंसी टीम इंडिया को उन्होंने कैसे उबारा यह किसी से छुपा नहीं है। टीम इंडिया में आक्रमकता का बीज बंगाल टाइगर ने ही डाला था, जिसका फल आज मिल रहा है।
सौरव गांगुली के जीवन में बहुत सी दिलचस्प बाते हैं लेकिन यह खास 10 बातें उनके चाहने वालों को हमेशा याद रहती हैं।
-सौरव गांगुली का शाही उपनाम महाराज उनके पिताजी और माताजी ने रखा था।
-शुरुआत में सौरव दायां हाथ उपयोग करते थे लेकिन भाई की किट का उपयोग कर पाएं इसलिए वह बाएं हाथ के बल्लेबाज बने।
-सौरव गांगुली का पहला प्यार फुटबॉल था। लेकिन अपने भाई स्नेहाशीश के कहने के कारण उन्होने क्रिकेट अकेडमी में दाखिला लिया।
-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका पदार्पण 1991 में ही हो गया था लेकिन उन्हें बाद में डॉप कर दिया गया। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने मैदान पर ड्रिंक्स ले जाने से मना कर दिया था लेकिन इसकी पुष्टि आज तक नहीं हुई।
-साल 1996 में सौरव गांगुली का टेस्ट क्रिकेट में ड्रीम डेब्यू हुआ। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर उन्होंने शतक जड़ा।
-सौरव गांगुली बेहद धार्मिक व्यक्ति हैं और हर मंगलवार को व्रत रखते हैं।
-1997 में टोरोंटो में उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला 5 विकेट हॉल लिया। इसके बाद वह गेंदबाजी भी करने लगे।
-सौरव गांगुली बाएं हाथ के बल्लेबाज थे लेकिन गेंदबाजी दाएं हाथ से करते थे। उनके समकालिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज लांस क्लूजनर भी ऐसा ही करते थे।
-साल 2000 में जिम्मबाब्वे के विरूद्ध उन्होंने गेंद से 5 विकेट लेकर बल्ले से 50 रन बनाए।
-ऑफ साइड में लगाए बेहतरीन शॉट्स के कारण उन्हें गॉड ऑफ द ऑफ साइड भी कहा जाता है।