ताबड़तोड़ बल्लेबाजी में धाकड़ मानी जाने वाली वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान दोनों की टीमों के सामने टी—20 के खुमार से बाहर आने की चुनौती होगी। स्पिनरों के माफिक पिच पर बल्लेबाजों को टिककर खेलने का माद्दा दिखाना होगा। जो टीम इसमें ज्यादा सफल होगी, बाजी उसी के हाथ लगने की संभावना है।
अफगानिस्तान पर नजर डालें तो वनडे और टी—20 सीरीज में रहमत शाह को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज टिककर खेलने की क्षमता नहीं दिखा सका। दूसरी ओर ऑलराउंडर जैसन होल्डर की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज के पास शाई होप, क्रेग ब्रेथवेट और रोस्टन चेज जैसे मंझे हुए बल्लेबाज हैं। यह पहलू कैरेबियाई टीम के पक्ष में है।
वहीं, सबकी निगाहें अफगान कप्तान राशिद खान पर भी होंगी, जो पिछली 4 टेस्ट पारियों में 3 बार 5 या उससे ज्यादा विकेट ले चुके हैं। स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियों में अफगानिस्तान तीन फिरकी गेंदबाजों राशिद, कैस अहमद और जहीर खान के साथ उतरेगी। वहीं, वेस्टइंडीज में स्पिन का दारोमदार चेज और भारी-भरकम क्रिकेटर रहकीम कॉर्नवाल पर रहेगा।
लखनऊ में 25 साल के बाद कोई अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला जाएगा। इससे पहले वर्ष 1994 में भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट मैच के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें भारत ने पारी और 119 रन से जीत दर्ज की थी।