कोहली अब भी 'विराट' हैं टीम इंडिया के लिए, जानिए क्यों?

मंगलवार, 12 जुलाई 2022 (13:35 IST)
नवंबर 2019 के बाद किसी भी प्रारूप में शतक जड़ने में नाकाम रहे विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में दो टी20 में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।खेल के सभी प्रारूपों में कोहली की फॉर्म पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पांच महीने बाद वापसी की थी।

कोहली की गैरमौजूदगी में दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ियों को मौका मिला जिन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। आयरलैंड के खिलाफ श्रृंखला और इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में शानदार प्रदर्शन के बावजूद हुड्डा को कोहली की वापसी पर अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली।

भारत की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव, पूर्व तेज गेंदबाज वैंकटेश प्रसाद, कोहली के वरिष्ठ साथी रहे वीरेंद्र सहवाग के अलावा इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन जैसे विशेषज्ञों ने कोहली की लंबे समय से चल रही खराब फॉर्म पर अपनी राय रखी है।

अब ऐसा लग रहा है कि चौतरफा विराट कोहली पर दबाव बन गया है या बनाया जा रहा है। लेकिन विराट कोहली अब भी भारतीय टीम के लिए उतने ही जरूरी है जितने पहले थे। इसके कुछ कारण हैं

1) टेस्ट में विश्वनीय नाम - विराट कोहली का अंतिम टेस्ट शतक भले ही बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के इडन गार्डन्स में आया हो लेकिन उनका फॉर्म बेहद खराब है ऐसा नहीं कहा जा सकता। खासकर विदेशों में टेस्ट में उनका अंतिम ग्यारह में होना ही टीम के लिए एक मनौवैज्ञानिक बढ़त रहती है।

खासकर ऐसे दौर में जब चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे अब अपने करियर के अंतिम दौर में है, एक  विश्वनीय नाम विराट कोहली ही बल्लेबाजी क्रम में दिखता है। रोहित शर्मा सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलते हैं और शुरुआती स्विंग गेंदबाजी में उनका विकेट कहीं भी जा सकता है।

वहीं ऋषभ पंत हमेशा एक ही शैली के साथ क्रिकेट खेलते हैं। आक्रामक शैली में टीम या तो बहुत मजबूत स्थिति में पहुंच जाती है या तो बेहद कमजोर स्थिति में आ जाती है। विराट का टेस्ट टीम में होना एक संतुलन जैसा है।


2) वनडे विश्वकप के लिए अहम हैं विराट- शायद ऐसा सभी को लगता है कि 2019 विश्व कप फ़ाइनल हाल ही में हुआ है, लेकिन फ़ैक्ट यह है कि अगले साल एक और वनडे विश्व कप है। हालांकि इसकी तैयारियों की चर्चा अभी भी उतनी नहीं हो सकती। कई अन्य टीमों की तरह भारत को भी कुछ काम करना है।

वनडे विश्वकप साल 2023 में भारत की ही धरती पर खेला जाएगा ऐसे में इस बड़े टूर्नामेंट के लिहाज से विराट कोहली का आत्मविश्वास पाना और उनका टीम में होना दोनो हीं बहुत महत्वपूर्ण है।वनडे में विराट कोहली एक ओरे से खूंटा गाड़ के बल्लेबाजी कर सकते हैं वहीं दूसरी छोर का बल्लेबाज खुलकर रन बना सकता है।

बीते कुछ सालों में भारत ने काफी कम वनडे मैच खेले हैं। ऐसे में विराट कोहली की जगह किसी और को देना जोखिम भरा हो सकता है। साल 2020 और साल 2021 में कोहली ने 47 की औसत से 431 रन बनाए, जिसमें 5 अर्धशतकीय पारियां शामिल थी और फिर 43 की औसत से 129 रन बनाए, जिसमें 2 बार वह 50 पार पहुंचे।

3) टी-20 विश्वकप में बड़े मैच खिलाड़ी साबित हो चुके हैं विराटकई विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल होने वाले टी20 विश्वकप में विराट कोहली की जगह नहीं बनती लेकिन वह टी-20 में भी बड़े मैच के बड़े खिलाड़ी है। पिछले साली ही पाकिस्तान के खिलाफ पहले टी-20 में जब टीम इंडिया लड़खड़ा गई थी विराट ने ही 57 रनों की पारी खेलकर टीम को 150 पार पहुंचाया था।

ऑस्ट्रेलिया की तेज गति और स्विंग की मददगार पिचों पर ऐसी स्थिती दुबारा आ सकती है। तब सिर्फ विराट कोहली ही टीम को मुश्किल से निकाल सकते हैं।

इसके अलावा आंकड़े भी उनके पक्ष में है।आखिरी 13 टी-20 पारियों में उन्होंने 504 रन बनाए हैं। औसत 63 का रहा है और स्ट्राइक रेट भी 137 है। इस दौरान कोहली ने 6 अर्धशतक भी लगाए हैं। इन आंकड़ों को देखने के बाद कोई भी कह सकता है कि कोहली पर हल्ला ज्यादा हो रहा है वह भी निराधार।

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