अश्विन ने 71 टेस्ट में 365, लियोन ने 96 टेस्ट में 390 और पाकिस्तान के यासिर शाह ने 39 टेस्ट में 213 विकेट लिए हैं। वनडे और टी20 में हालांकि वह इस सफलता को नहीं दोहरा सके। मुश्ताक ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को देखो। दोनों ने सफेद गेंद से भारत को कई मैच जिताए हैं। लियोन, अश्विन और यासिर की गेंदों में शायद वनडे क्रिकेट के लायक विविधता ही नहीं थी।’
इंग्लैंड समेत दुनिया भर में कोचिंग कर चुके मुश्ताक का मानना है कि टेस्ट और सीमित ओवरों के स्पिनरों को अलग अलग करना होगा।उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती टेस्ट क्रिकेट है जहां उनकी प्रतिभा की असली परख होती है। यासिर शाह, नाथन लियोन, मोईन अली, अश्विन जैसे गेंदबाजों का टेस्ट क्रिकेट में योगदान अपार है।’
उन्होंने कहा, ‘इनमें से कुछ वनडे क्रिकेट में भी सफल रहे हैं लेकिन बदले हुए नियमों के साथ क्रिकेट अब काफी बदल गया है। ऐसे में रहस्यमयी स्पिनर और कलाई के स्पिनर अधिक प्रभावी हो गए हैं। इनमें आदिल रशीद, एडम जाम्पा, चहल, यादव और शादाब खान शामिल है।’
मुश्ताक ने कहा, ‘आजकल इतना क्रिकेट खेला जा रहा है कि अलग अलग प्रारूप के लिए अलग अलग स्पिनर होने चाहिए। आप पांच छह स्पिनरों को चुनकर उन्हें अलग अलग प्रारूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उनका कैरियर भी लंबा होगा।’ उन्होंने कहा कि लियोन और अश्विन दोनों सकलैन मुश्ताक और मुथैया मुरलीधरन के दर्जे के गेंदबाज हैं लेकिन वनडे क्रिकेट के अनुकूल नहीं हैं। (भाषा)