अतीत के प्रदर्शन का डाटाबेस तैयार करके ओलंपिक क्वालीफिकेशन की तैयारी कर रही हैं : अश्विनी

बुधवार, 15 अप्रैल 2020 (19:57 IST)
नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी को कोरोना वायरस महामारी के कारण ब्रेक मिला है और वे इसका फायदा अपने पुराने प्रदर्शन का डाटाबेस बनाकर उसका विश्लेषण करके उठा रहे हैं। इस महिला युगल जोड़ी को अब ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए एक और चुनौती पेश करने का इंतजार है। 
 
कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों की जान गई है और 20 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हुए है। इस महामारी के कारण दुनिया भर में बैडमिंटन सहित खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। अश्विनी और सिक्की के लिए पिछला सत्र काफी अच्छा नहीं रहा। अब मिले ब्रेक से उनके पास पिछले प्रदर्शन का आकलन करने का मौका है। 
 
लंदन और रियो ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अश्विनी ने कहा, ‘हमारे पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो बैठकर हमारे प्रदर्शन का विश्लेषण करे। अब हमारे पास समय है, मैं हमारे प्रदर्शन का विश्लेषण कर रही हूं। मैं उन विभागों पर गौर कर रही हूं जिनमें सुधार किया जा सकता है। मैंने अपने मैचों के साथ शुरुआत की और फिर टूर पर अन्य खिलाड़ियों के मैचों को भी देखा।’ 
 
पिछले साल अश्विनी और सिक्की की जोड़ी 20 टूर्नामेंटों में से 13 में पहले दौर में ही बाहर हो गई जबकि तीन बार इस जोड़ी को दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा। अश्विनी ने कहा, ‘आप हमेशा चीजों को देखकर उनका विश्लेषण कर सकते है और चीजों को समझ सकते हैं लेकिन जब आप कागज पर चीजों को देखते हैं जो ये अलग होती हैं। यह अधिक ठोस होती हैं। 
 
इसलिए पूरा डाटाबेस तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा भाई मेरी मदद करेगा। इससे पहले वह मेरे लिए एक ऐप भी बना चुका है।’ विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण ओलंपिक क्वालीफिकेशन के बाकी बचे टूर्नामेंटों को रद्द कर दिया है और अभी क्वालीफिकेशन को लेकर नए नियमों की जानकारी नहीं है। 
 
भारतीय जोड़ी की विश्व रैंकिंग अभी 28वीं है और 29 अप्रैल 2020 की अगली ओलंपिक कट ऑफ तारीख तक उन्हें शीर्ष 16 में जगह बनाने की जरूरत है। लॉकडाउन के मानसिक असर के बारे में अश्विनी ने कहा, ‘इतने वर्षों में हमने काफी यात्रा की है और अब एक महीने से हम घर पर है, सब ठीक है। लेकिन अगर दो-तीन महीने तक ऐसा हुआ तो क्या होगा, तब खेल से दूर रहना मुश्किल हो जाएगा।’ (भाषा)

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