दुबई। भारत ने अंतिम गेंद पर बांग्लदेश को 3 विकेट से हराकर सातवीं मर्तबा एशिया कप जीतने में कामयाबी हासिल की। भारत ने भले ही मैच जीता लेकिन बांग्लादेश खिलाड़ी अपने जांबाज प्रदर्शन से 'दिल' जीतने में कामयाब रहे। रोमांच की पराकाष्ठा को छूने वाले एशिया कप के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश तीसरी मर्तबा उपविजेता रहा जबकि भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 700वीं जीत हासिल की। शिखर धवन को 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' घोषित किया गया।
अकेले लिटन दास ने ठोंके 121 रन : बांग्लादेश ने टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी की चुनौती को स्वीकार करते हुए लिटन दास के 121 रनों की बदौलत 48.3 ओवर में 222 रन बनाए। 120 रन तक उसका पहला विकेट गिरा था जबकि शेष 9 बल्लेबाज 102 रन बनाकर आउट हो गए। चाइनामैन कुलदीप यादव ने 45 रन देकर 3 विकेट झटके। भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 223 रन बनाते हुए सातवीं बार एशिया कप पर अपने नाम किया।
रोहित शर्मा के नाम रहे 5 मैचों में 317 रन : फाइनल मैच में भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने 55 गेंदों पर 48 रन बनाए। दिनेश कार्तिक ने 37, धोनी ने 36, केदार जाधव ने (नाबाद) 23, रवींद्र जड़ेजा 23 और भुवनेश्वर कुमार ने 21, शिखर धवन ने 15 और कुलदीप यादव (नाबाद) 5 रन बनाने में सफल रहे। रोहित शर्मा ने इस एशिया कप के 5 मैचों में कुल 317 रन बनाए
अंतिम 6 गेंदों में भारत को जीत के लिए चाहिए थे 6 रन : जीत के लिए 223 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत को आखिरी 12 गेंदों में 9 रन चाहिए थे लेकिन 49वें ओवर में 3 ही रन बने जिसके बाद आखिरी 6 गेंद में 6 रन की जरूरत थी। महमूदुल्लाह के इस ओवर की पहली गेंद पर कुलदीप यादव ने 1 और दूसरी पर केदार जाधव ने 1 रन लिया।
बांग्लादेशी खिलाड़ी दिल जीतने में हुए कामयाब : बांग्लादेश के खिलाड़ियों की तारीफ करनी होगी, जिन्होंने इस मैच के रोमांच को अंतिम गेंद तक कायम रखा। मुस्तफिजुर रहमान ने 38 रन देकर 2, रूबेन हसन ने 26 रन देकर 2 विकेट लिए। आखिरी ओवर तक बांग्लादेश के खिलाड़ी अपने जुझारू प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीतते रहे। यही कारण है कि उन्होंने भारत जैसी ताकतवर टीम को आसानी से जीतने नहीं दिया और आखिरी गेंद तक खेल के रोमांच को कायम रखा।