अंपायरों की फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का इस्तेमाल पहली बार भारत के घरेलू सर्किट में शनिवार से शुरू होने वाले 2 रणजी सेमीफाइनल में किया जाएगा लेकिन इसमें सीमित विकल्प होंगे क्योंकि इसमें कोई हॉकआई, स्निकोमीटर या अल्ट्राएज नहीं होगा।
पर सेमीफाइनल में पहुंचने वाली 4 टीमों बंगाल, कर्नाटक, सौराष्ट्र और गुजरात को इसका फायदा होगा जिन्हें प्रत्येक पारी में 4 रिव्यू मिलेंगे।
लाल ने कर्नाटक के खिलाफ अपने अंतिम 4 मुकाबले से पहले कहा, ‘मुझे डीआरएस का इतना अनुभव नहीं है। यह सीमित विकल्प वाला होगा, लेकिन उम्मीद करते हैं कि इससे कुछ बड़ी गलतियां कम की जा सकेंगी।’
बंगाल के कप्तान ईश्वरन ने कहा, ‘यह नई चीज है, लेकिन खिलाड़ी टीवी पर इसे काफी देख चुके हैं इसलिए हम थोड़ा बहुत जानते हैं कि यह कैसे काम करता है।’