पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर टीम में थे पुजारा, बाहर हुए अब फिर इंग्लैड दौरे पर शामिल हुए
गुरुवार, 23 जून 2022 (14:31 IST)
लीस्टर: भारत के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि रणजी ट्रॉफी और काउंटी चैंपियनशिप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने से उन्हें अपनी फॉर्म और राष्ट्रीय टीम में वापसी करने में मदद मिली।
चौतीस वर्षीय पुजारा को इस साल के शुरू में श्रीलंका के खिलाफ भारत की घरेलू टेस्ट श्रृंखला के लिये टीम में नहीं चुना गया था। ससेक्स की तरफ से पांच मैचों में 120 की औसत से 720 रन बनाने के बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट के लिये फिर से राष्ट्रीय टीम में चुना गया।पुजारा ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ 83 गेंदों में 91 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने दूसरी डिवीजन की काउंटी चैंपियनशिप में ससेक्स के लिये दो दोहरे शतकों सहित चार शतक लगाये।
पुजारा ने बीसीसीआई टीवी से कहा, मेरे लिये यह अधिक से अधिक प्रथम श्रेणी मैचों में खेलने से जुड़ा था। यह अनुभव महत्वपूर्ण था। जब आप फॉर्म में वापसी करना चाहते हैं, जब आप अपनी लय हासिल करना चाहते हैं, जब आपके पास वह एकाग्रता हो तो कुछ लंबी पारियां खेलना महत्वपूर्ण होता है।
Spending quality time with family
Getting back into form
Approach for the Test against England
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उन्होंने कहा, इसलिए, जब मैं ससेक्स के लिये खेल रहा था तो ऐसा कर सकता था। जब मैंने डर्बीशर के खिलाफ अपनी पहली बड़ी पारी खेली तब मुझे लगा कि मैंने अपनी लय हासिल कर ली है। मेरी एकाग्रता और सब कुछ ठीक चल रहा था। मैंने ससेक्स के साथ बहुत अच्छा समय बिताया।
पुजारा ने कहा कि उन्हें काउंटी मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने का भरोसा था, क्योंकि वह पहले से ही रणजी ट्रॉफी में अच्छी फॉर्म में थे।उन्होंने कहा, मैंने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिये तीन मैच खेले। वहां भी मुझे लय हासिल करने में मदद मिली। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं।भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट मैच एक जुलाई से बर्मिंघम एजबेस्टन में होगा।
दिलचस्प बात यह है कि चेतेश्वर पुजारा के लिए 1 साल के भीतर ही काफी कुछ बदल गया। चेतेश्वर पुजारा ने पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर बहुत ही शर्मनाक प्रदर्शन किया था। वह सिर्फ 1 टेस्ट में अर्धशतक जड़ पाए थे।
हालांकि इसके बाद भी वह टीम से जुड़े रहे। लेकिन साल 2021 के अंत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान उनके प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं आया और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया। लेकिन पहले प्रथम श्रेणी क्रिकेट और फिर काउंटी में बल्ले से बेहतर प्रदर्शन के कारण उन्होंने अपना स्थान वापस पा लिया।