डॉक्टर ने माफी मांगते हुए लिखा, ‘16 जून को मैंने एक ट्वीट किया और बाद मैं मैंने महसूस किया कि मैंने जिन शब्दों को इस्तेमाल किया वे अनुचित हैं और अनजाने में लिखे गए। मैंने इसे डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक मेरे ट्वीट के स्क्रीनशॉट जगह-जगह भेजे जा चुके थे और सोशल मीडिया पर साझा किए गए थे।’ थोटापिल्लिल ने स्पष्ट किया कि उनक इरादा इस संकट से लड़ने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को कमतर करने का नहीं था।
उन्होंने लिखा, ‘मेरा इरादा सेना और हमारे साहसी शहीदों और इस महान देश के सभी नागरिकों का ध्यान रखने में माननीय प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के प्रयासों को कमतर करने का नहीं था।’ थोटापिल्लिल ने कहा कि वह समझ सकते हैं कि उनकी पोस्ट ने हजारों लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
उन्होंने लिखा, ‘मुझे खेद है कि मेरे ट्वीट को पढ़ने वाले लोगों को मैंने पीड़ा पहुंचाई और नाराज किया और इसके लिए तहेदिल से माफी मांगता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अनजाने में और गलती से ट्वीट किया और इसका मेरे किसी व्यक्ति या संगठन से जुड़ाव को कोई लेना देना नहीं है’ थोटापिल्लिल ने लोगों से अपील की कि वे उनके सोशल मीडिया पोस्ट को भूलवश किया समझें। थोटापिल्लिल 10 सत्र तक सीएसके के टीम डॉक्टर रहे।