भारत के लिए अब इस मैच में वापसी करना बहुत मुश्किल होगा। चेतेश्वर पुजारा समेत सीनियर बल्लेबाजों के बेहद रक्षात्मक रवैए ने भारत को दबाव में ला दिया। पुजारा ने 176 गेंदों में 50 रन बनाए और धीमी पारी के इस दबाव से भारत निकल ही नहीं सका। ऑस्ट्रेलिया के लिए कमिंस ने 21.4 ओवर में 29 रन देकर 4 और हेजलवुड ने 21 ओवर में 43 रन देकर 2 विकेट लिए। मिशेल स्टार्क ने 19 ओवर में 61 रन देकर 1 विकेट लिया। भारत के 3 बल्लेबाज रनआउट हुए।
पुजारा पूल या हुक कोई भी शॉट आत्मविश्वास के साथ नहीं खेल सके। उनके स्ट्रोक्स में पैनापन नहीं था और आत्मविश्वास की कमी भी नजर आई। वे स्ट्राइक भी रोटेट नहीं कर पाए। कप्तान अजिंक्य रहाणे 70 गेंदों में 22 रन बनाकर पैट कमिंस का शिकार हुए, वहीं खराब फॉर्म से जूझ रहे हनुमा विहारी 38 गेंद में 4 रन बनाकर गैरजरूरी रन लेने के प्रयास में रनआउट हो गए। ऋषभ पंत ने 67 गेंदों में 36 रन बनाए। रवीन्द्र जडेजा 27 रन बनाकर आउट हुए।
पहले सत्र के 34 ओवरों में मात्र 84 रन बने चूंकि पुजारा ने रनगति बढ़ाने में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। रहाणे के आउट होने से दबाव और बढ़ गया। दूसरी ओर पुजारा पहली 100 गेंदों में 1 भी चौका नहीं लगा सके। रहाणे पहले सत्र में धीमी विकेट पर रन बनाने में नाकाम रहे। उन्होंने नाथन लियोन को 1 चौका और छक्का जरूर जड़ा लेकिन कमिंस की ऑफ कटर पर पूरी तरह चूक गए। उन्होंने पुजारा के साथ 22.3 ओवर में 32 रन जोड़े।
केएल राहुल फिट होते तो विहारी शायद अपनी जगह उन्हें गंवा चुके होते। वे आधे घंटे क्रीज पर रहे लेकिन पूरी तरह असहज दिखे। पंत ने आक्रामक शुरुआत की लेकिन बाजू में गेंद लगने से वे उतना सहज होकर शॉट नहीं लगा सके। वे 20 ओवर में 53 रन की साझेदारी निभाने के बाद हेजलवुड की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। पुजारा टेस्ट क्रिकेट में अपना सबसे धीमा अर्द्धशतक बनाने के बाद कमिंस का शिकार हुए। भारत ने एक समय 4 विकेट पर 195 रन बना लिए थे और पूरी टीम 210 रनों पर आउट हो गई। (भाषा)