उन्होंने कहा, 'मुझे पता था कि उन हालात में खोने के लिये कुछ नहीं था क्योंकि हमारे सात विकेट पहले ही गिर चुके थे। मैं सोच रहा था कि जितना हो सके, एमएस की मदद करूं। मैने वही कोशिश भी की।
भुवनेश्वर ने कहा, 'यह हैरानी की बात थी क्योंकि शुरुआती साझेदारी बहुत अच्छी हुई थी। इसके बाद तीन चार विकेट गिर गए तो हम दबाव में आ गए। ड्रेसिंग रूम या एमएस धोनी की ओर से कोई संदेश नहीं था। उन्होंने सिर्फ यही कहा कि जितनी देर हो सके, क्रीज पर डटा रहूं। मैं भी यही चाहता था क्योंकि पूरे ओवर टिके रहने पर ही हम जीत सकते थे।'