चौथा दिन बना दक्षिण अफ्रीका दौरे का सबसे मंहगा सत्र, गेंदबाज बने हार का कारण

शुक्रवार, 7 जनवरी 2022 (17:40 IST)
यह बात सच है कि भारत के तेज गेंदबाज लगभग हर देश में अपना डंका बजाते आ रहे हैं। लेकिन जोहन्सबर्ग के दूसरे टेस्ट के अंतिम सत्र में भारतीय तेज गेंदबाज पिच और मौसम के बदलाव के कारण बेअसर साबित दिखे। हालांकि यह जानते हुए भी उनसे थोड़े बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी।

चौथे दिन के पहले दो सत्र का खेल बारिश की भेंट चढ़ने के बाद आखिर में स्थानीय समयानुसार तीन बजकर 45 मिनट (भारतीय समयानुसार सात बजकर 15 मिनट) पर खेल शुरू हो पाया। दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट पर 118 रन से आगे खेलना शुरू किया। तब वह लक्ष्य से 122 रन दूर था। दक्षिण अफ्रीका ने दो घंटे से थोड़ा अधिक समय में यह रन बना दिये।

चौथे दिन के अंतिम सत्र में खेल 34 ओवरों का होना था लेकिन दक्षिण अफ्रीका को यह रन बनाने में 27.4 ओवर लगे। रन रेट के हिसाब से देखा जाए तो यह वनडे प्रारूप के लिहाज से भी बुरा नहीं है।  

गेंदो के लिहाज से देखा जाए तो 166 गेंदो में दक्षिण अफ्रीका ने 126 रन बना दिए। टेस्ट क्रिकेट में इतनी तेजी से रन बनते हुए कम ही देखे जाते हैं। यही कारण है कि चौथे दिन का अंतिम सत्र भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे का सबसे महंगा सत्र रहा जहां पर एक टीम ने 4 के रनों की औसत से रन बटोरे 1 विकेट खोकर।

भारतीय गेंदबाज दबाव बनाने में नाकाम रहे। जसप्रीत बुमराह को विकेट नहीं मिला जबकि मोहम्मद सिराज पूरी तरह से फिट नहीं थे जिससे भारतीय रणनीति प्रभावित हुई। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के विश्वसनीय ड्राइव वास्तव में दर्शनीय थी जिससे उन्होंने भारतीयों को हावी नहीं होने दिया।

बादल छाये होने के और दूधिया रोशनी के बावजूद भारत ने बुमराह के साथ रविचंद्रन अश्विन से गेंदबाजी का आगाज करवाया। एल्गर ने वहीं से शुरुआत की जहां पर तीसरे दिन उन्होंने अपनी पारी समाप्त की थी।

एल्गर धैर्य की प्रतिमूर्ति बने रहे। उन्होंने जल्द ही अश्विन पर मिडऑन पर चौका लगाकर अपने टेस्ट करियर का 19वां अर्धशतक पूरा किया। वान डर डुसेन का बुमराह पर किया ड्राइव आकर्षक था। इस बीच आउटफील्ड गीली होने के कारण अंपायरों को गेंद बदलनी पड़ी।

गेंदबाजों ने जमकर दिए अतिरिक्त रन

गेंद गीली हो जाने से भी भारतीय गेंदबाजों को परेशानी हुई। बुमराह, मोहम्मद शमी और सिराज की तीन शार्ट पिच गेंद पर दक्षिण अफ्रीका को कुल 15 वाइड रन मिले। शमी के ओवर में 14 रन बने जिसमें वान डर डुसेन के दो नियंत्रित चौके भी शामिल थे।

कुछ मौके भी गंवाए

वान डर डुसेन जब खतरनाक नजर आ रहे थे तब शमी ने उन्हें बाहर जाती गेंद पर पहली स्लिप में चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच कराया। भारत को जल्द ही तेम्बा बावुमा का भी विकेट मिल जाता लेकिन ठाकुर ने फालोथ्रू में कैच छोड़ दिया। बावुमा ने तब खाता भी नहीं खोला था। एल्गर ने हालांकि शमी पर लगातार दो चौके लगाकर फिर से गेंदबाजों पर दबाव बना दिया।

बावुमा ने पहली पारी की तरह खुलकर खेलना शुरू किया जबकि एल्गर ने सिराज के एक ओवर में तीन चौके लगाकर रही सही कसर पूरी कर दी। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने आखिर में विजयी चौका लगाया।

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चौथे दिन के खेल में सिर्फ मोहम्मद शमी एक मात्र भारतीय सफल गेंदबाज रहे। मोहम्मद सिराज को 6 ओवर में 37 रन पड़े और उनको एक भी विकेट नहीं मिला। वहीं जसप्रीत बुमराह को 17 ओवर में 70 रन पड़ने के बाद भी एक विकेट नहीं मिला।

रविचंद्रन अश्विन और शार्दुल ठाकुर को 1-1 विकेट मिला लेकिन वह तीसरे दिन आया था। अश्विन ने 11.4 ओवर में 26 रन दिए और शार्दुल ठाकुर ने 16 ओवरों में 47 रन दिए।

दक्षिण अफ्रीका ने बनाई दौरे की सबसे बड़ी साझेदारी

एल्गर ने बुधवार को एडेन मार्कराम (31) के साथ पहले विकेट के लिये 47 और कीगन पीटरसन (28) के साथ दूसरे विकेट के लिये 46 रन की साझेदारियां करने के बाद गुरुवार को रॉसी वान डर डुसेन के साथ 82 रन की साझेदारी की। यह इस दौरे पर दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। इसके बाद एल्गर (96 नाबाद) ने तेम्बा बावुमा (नाबाद 23) के साथ 68 रन की साझेदारी करके दक्षिण अफ्रीका की आसान जीत सुनिश्चित की।

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