इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में भारत के संघर्षपूर्ण ड्रॉ ने मुख्य कोच गौतम गंभीर के अंदर के जुझारू व्यक्तित्व को फिर से सामने ला दिया है जिन्होंने कप्तान शुभमन गिल के आलोचकों को लताड़ लगाते हुए कहा कि भारतीय टीम स्वदेश के आम आदमी के लिए खेलती है। गंभीर चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी अतीत के नक्शेकदम पर चलने के बजाय अपना इतिहास खुद बनाएं। उन्होंने कहा कि मैनचेस्टर टेस्ट में यादगार वापसी के बाद, वे इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
गंभीर ने रविवार को मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, वे अपने देश के आम आदमी के लिए जूझना चाहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस टेस्ट मैच में कई लोगों ने हमारी हार सुनिश्चित मान ली थी लेकिन हमने शानदार वापसी की। यही इस टीम की नींव है।
मुख्य कोच ने कहा, ये ऐसे लोग हैं जो इस ड्रेसिंग रूम में बैठे हैं और देश के लिए लड़ना चाहते हैं और वे आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे।
कप्तान शुभमन गिल और केएल राहुल के बीच 188 रन की साझेदारी ने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में बनाए रखा। इसके बाद वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने 203 रन की अटूट साझेदारी करके मैच को ड्रॉ कराकर श्रृंखला को जीवंत बनाए रखा।
Those who understand Cricket know how talented Shubman Gill is. He is living up to his expectations and his own talent...When he goes in to bat, he goes as a batsman and not as a Captain."@GautamGambhir#Gambhirpic.twitter.com/IOlbGH6eYD
— Gauti Harshit Dhiman (GG Ka Parivar) (@GautiDhiman) July 27, 2025
गंभीर से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने चौथे दिन के बाद खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और 2009 में नेपियर में खेली गई अपनी मैच बचाने वाली 137 रन की पारी का जिक्र किया तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।
उन्होंने कहा, पहली बात तो यह है कि मुझे अपनी कोई भी पारी याद नहीं है, वह इतिहास बन चुकी है। मुझे लगता है कि उन्हें अपना इतिहास खुद बनाना चाहिए। सच कहूं तो इस टीम में कोई भी किसी का अनुसरण नहीं करेगा और ना ही करना चाहेगा। उन्हें अपना इतिहास खुद लिखना होगा।
गंभीर का यह भी मानना है कि भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में अपने पहले दौरे में गिल की आलोचना बेबुनियाद है। गिल ने अब तक श्रृंखला में चार शतक बनाए हैं।
गंभीर ने कहा, शुभमन गिल की प्रतिभा पर कभी कोई संदेह नहीं था। अगर किसी को संदेह था तो लगता है कि उन्हें क्रिकेट की समझ नहीं है। कुछ खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पांव जमाने में समय लगता है। इस दौरे पर उन्होंने जो किया है, उससे कोई भी हैरान नहीं है।
उन्होंने कहा, अगर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया होता तब भी हमें उनकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा होता। मायने यह रखता है कि वह अपनी उम्मीदों और क्षमता पर खरे उतर रहे हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब वह बल्लेबाजी करते हैं तो कप्तानी का तथाकथित दबाव उन पर असर नहीं डालता। वह कप्तान के रूप में नहीं, बल्कि बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं।
गंभीर का मानना है कि हार के कगार से वापसी करके मैच को ड्रा करने से भारत को 31 जुलाई से लंदन में शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल गई है।
उन्होंने कहा, हमारी टीम ने दबाव में अपने जज्बे का शानदार नमूना पेश किया। इससे टीम के अंदर काफी आत्मविश्वास पैदा होता है। मुझे पूरा विश्वास है कि पांचवें मैच के लिए ओवल में उतरते समय हमारा आत्मविश्वास काफी ऊंचा होगा, लेकिन हम किसी भी चीज को हल्के में नहीं ले सकते।
नए कप्तान गिल के नेतृत्व में टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है लेकिन गंभीर इसे इस तरह नहीं देखते।
उन्होंने कहा, आपने अच्छा किया जो बदलाव शब्द का इस्तेमाल किया लेकिन मैं इसे उस तरह नहीं देखता क्योंकि यह अभी भी एक भारतीय टीम है। यह सर्वश्रेष्ठ 18 खिलाड़ी हैं जो देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह अनुभव से जुड़ा है लेकिन हमें इसी तरह से आगे बढ़ना होता है।
पहले दिन क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप चूकने के बाद पैर में फ्रैक्चर के बावजूद ऋषभ पंत ने टीम के लिए पहली पारी में महत्वपूर्ण रन जोड़े। उन्हें दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि जडेजा और सुंदर ने भारत को संकट से बाहर निकाल लिया।
गंभीर ने कहा, ऋषभ के बारे में पहले ही घोषणा कर दी गई है कि वह श्रृंखला से बाहर हो गए हैं। लेकिन उन्होंने जो कुछ किया उससे टीम के जज्बे का पता चलता है। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। अतीत में बहुत कम लोगों ने इस तरह का साहस दिखाया। (भाषा)