लद गए वह दिन जब भारत के सामने इंग्लैंड की टीम हरी पिच की सेज सजाता था और कभी 8 रनोंं पर 4 विकेट कभी 100 रनोंं से कम पर भारत को ऑलआउट कर देता था। नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट इस बात का उदाहरण है कि अगर भारत के सामने इंग्लैंड ने हरी पिच की सेज बिछाई तो भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड को उसी की कड़वी घुट्टी का स्वाद चखा देंगे।
नॉटिंघम की पिच तेज गेंदबाजों को मदद करने वाली थी लेकिन इस पर बहुत ज्यादा घास नहीं थी। संभवत इंग्लैंड को भी यह अंदाजा था। पहले टेस्ट मेंं अनिल कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ विश्व के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज बने जेम्स एंडरसन ने टेस्ट की शुरुआत में इस बात का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की पूरी टीम के सामने अगर ग्रीन टॉप विकेट रखा जाए तो वह इस बात का बुरा नहीं मानेंगे क्योंकि उनके पास भी बुमराह, शमी और सिराज है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी इस बार कमजोर है। पहले टेस्ट में अकले कप्तान जो रूट ने अर्धशतक और शतक जड़ा । जोस बटलर और जॉनी बेरेस्टो को भले ही शुरुआत मिल रही हो लेकिन वह इसे बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकाम हो रहे है। रूट को छोड़कर इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज ने 50 रन नहीं बनाए।