लॉर्ड्स में रविवार को हुए आईसीसी वर्ल्डकप फाइनल में 'सुपर ओवर' के भी 'टाई' रहने के बाद बाउंड्री के दम पर इंग्लैंड विजेता रहा था। दोनों टीमें 100 ओवर के खेल के बाद भी बराबरी पर रही थीं जबकि उनके बीच 'सुपर ओवर' भी बराबरी पर रहा जो अपने आप में विश्वकप में पहला मौका था। ऐसे में पूर्व क्रिकेटरों ने भी आईसीसी के बाउंड्री नियम पर सवाल उठाए थे।
स्टेड ने पत्रकारों से कहा, जब आप सात सप्ताह से खेल रहे हों और फाइनल दिन भी आप बराबरी पर हों तो इसपर विचार होना चाहिए। लेकिन विश्वकप में यह विचार करने लायक एक बड़ी बात है। सभी बातों पर गौर किया जाना चाहिए और यह भी एक अहम मुद्दा है जिसके बारे में अब सोचा जाना चाहिए।
हालांकि बल्लेबाजी कोच मैकमिलन ने साफ शब्दों में कहा कि दोनों टीमों के बीच में ट्रॉफी साझा होनी चाहिए थी। कीवी टीम के साथ विश्वकप के बाद उनका करार समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि आईसीसी ने गत वर्ष सुपर ओवर का जो नियम अपनाया है उसके बजाय टाई ब्रेक में साझा विजेता घोषित किए जाने के बारे में सोचा जाना चाहिए।
मैकमिलन ने कहा, अब परिणाम बदलने वाला नहीं है। लेकिन सात सप्ताह के बाद फाइनल दिन जब 2 टीमें 50 ओवर के खेल और सुपर ओवर के बाद भी बराबर हों तो साफ है कि वह हारी नहीं हैं। ऐसे में ट्रॉफी का साझा किया जाना ही सबसे सही फैसला है। हम सभी इस परिणाम से दु:खी हैं। लेकिन खेल में ऐसा होता है और यह उसके नियम हैं।