नई दिल्ली। श्रीलंका के महान बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने कहा कि टीम में अंहकार रखने वाले खिलाड़ियों का होना तब तक नुकसानदायक नहीं है, जब तक आप एक अच्छे माहौल में उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवा लेते हैं। हाल के दिनों में जयवर्धने ने पहले कप्तान और फिर कोच के रूप में काफी सफलता प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया है।
जयवर्धने से जब पूछा गया कि वह इन ‘अहंकार रखने वाले खिलाड़ियों’ को कैसे संभालते थे तो उन्होंने कहा, ‘यह (अहंकार) होना अच्छा है। इसमें कुछ भी नुकसानदायक नहीं है। यह सिर्फ पहचानने और सुनिश्चित करने की बात है कि वे इसे कैसे आगे बढ़ाए।
श्रीलंका के सबसे सफल कप्तानों में से एक जयवर्धने ने कहा, ‘यह सभी खिलाड़ियों से पेशेवर तरीके से और सम्मानजनक तरीके से बात करना होता है। यही टीम संस्कृति होती है जो आप बनाते हो।’ उन्होंने कहा, ‘एक बार आप यह संस्कृति बनाते हो तो किसी एक के लिये इससे आगे जाना मुश्किल हो जाता है।’
जयवर्धने ने कहा, ‘बाकी के खिलाड़ी उस व्यक्ति को ग्रुप स्तर से नीचे ले आयेंगे। अगर आपने ऐसा अच्छा माहौल नहीं बनाया है तो आपको समस्या हो सकती है क्योंकि इसमें कोई सीमायें नहीं होती।’ उनके मार्गदर्शन में मुंबई इंडियंस ने इंडियन प्रीमियर लीग के पिछले तीन चरण में से दो में खिताब अपने नाम किया। (भाषा)