अहमदाबाद: दबाव की परिस्थितियों में इंग्लैंड पर पार पाकर आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारत शनिवार को यहां होने वाले पांचवें और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में जीत दर्ज करके श्रृंखला अपने नाम करने के साथ विश्व कप के लिये अपनी मुख्य टीम का खाका तैयार करने की तरफ एक और मजबूत कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा।
भारत ने अब तक श्रृंखला में बेपरवाह रवैया अपनाया है और पांचवें मैच का परिणाम जो भी रहे, विश्व कप के लिये उसकी तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ती दिख रही हैं। विश्व कप इस साल के आखिर में भारत में ही खेला जाना है।
विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम इससे पहले हर तरह की परिस्थितियों में पार पाने में नाकाम रही थी लेकिन उसे अब इशान किशान और सूर्यकुमार यादव के रूप में तुरुप के इक्के मिले हैं। इन दोनों ने अच्छी पारियां खेलकर टीम को नये विकल्प उपलब्ध कराये हैं।
सूर्यकुमार की गुरुवार को खेली गयी पारी से कोहली भी हैरान थे। इस बल्लेबाज को इसके बाद एकदिवसीय टीम में भी जगह मिल गयी।
किशन और सूर्यकुमार ने जहां अपनी पहली श्रृंखला में बड़ा प्रभाव छोड़ा वहीं हरियाणा के आलराउंडर राहुल तेवतिया टीम में शामिल एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें पदार्पण का मौका नहीं मिला है। शनिवार को हालांकि उन्हें अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिल सकता है।
भारत के लिये इस श्रृंखला का एक और सकारात्मक पहलू हार्दिक पंड्या का गेंदबाजी में योगदान देना रहा। गुरुवार को उन्होंने चार ओवर में केवल 16 रन देकर दो विकेट लिये थे। युजवेंद्र चहल की जगह चुने गये लेग स्पिनर राहुल चहर ने भी अच्छी गेंदबाजी की जबकि वाशिंगटन सुंदर प्रभाव नहीं छोड़ पाये थे।
शीर्ष क्रम में केएल राहुल की फार्म भारत के लिये चिंता का विषय है। उन्होंने पहले तीन मैचों में एक, शून्य और शून्य का स्कोर बनाया और चौथे मैच में भी 14 रन से आगे नहीं बढ़ पाये थे।
कोहली इस बात से संतुष्ट होंगे कि भारत ने अच्छा स्कोर बनाया और रात में ओस के असर के बावजूद उसका बचाव करने में सफल रहा। यह श्रृंखला में पहला अवसर था जबकि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीत दर्ज की।
इंग्लैंड भी जोस बटलर और विश्व के नंबर एक बल्लेबाज डाविड मलान के प्रदर्शन में निरंतरता की उम्मीद कर रहा होगा।तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड ने प्रभाव छोड़ा लेकिन उन्हें क्रिस जोर्डन से पर्याप्त सहयोग नहीं मिला जिन्होंने चौथे टी20 में सर्वाधिक रन लुटाये।
लेकिन क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में बादशाहत की जंग में इंग्लैंड की निगाहें श्रृंखला जीतकर विश्व कप के लिये अपनी तैयारियों को मूर्तरूप देना है।
इंग्लैंड के कप्तान इयान मोर्गन ने कहा, हम वास्तव में इस तरह के मैचों में खेलना चाहते हैं जहां स्थिति करो या मरो वाली होती है। विदेशी धरती पर खेलना और श्रृंखला जीतना शानदार होगा। (भाषा)