Second ODI में भारत बराबरी और न्यूजीलैंड 350वीं जीत के लिए उतरेगा
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020 (20:58 IST)
ऑकलैंड। भारतीय टीम हैमिल्टन में पहले मुकाबले में 347 रन का विशाल स्कोर बनाने के बावजूद उसका बचाव नहीं कर पाई और अब ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ शनिवार को होने वाले दूसरे मुकाबले में वह 3 मैचों की सीरीज में बराबरी हासिल करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी जबकि मेजबान टीम का लक्ष्य अपने वनडे इतिहास की 350वीं जीत हासिल करना और सीरीज पर कब्जा करने का रहेगा।
भारतीय टीम न्यूजीलैंड से टी-20 सीरीज 5-0 से जीतने के बाद वनडे सीरीज में उतरी, लेकिन पहले वनडे में अपने विजय अभियान को जारी नहीं रख पाई। भारत ने न्यूजीलैंड के पिछले दौरे में वनडे सीरीज 4-1 से जीती थी।
3 मैचों की इस सीरीज में बने रहने के लिए भारत को ऑकलैंड में बराबरी हासिल करनी होगी। मेजबान न्यूजीलैंड के लिए यह मुकाबला काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे जीतने के साथ उसका सीरीज पर कब्जा हो जाएगा और अपने एकदिवसीय इतिहास में 770 मैचों में यह उसकी 350वीं जीत होगी।
भारत ने पहले मुकाबले में हैमिल्टन में 4 विकेट पर 347 रन का विशाल स्कोर बनाया लेकिन गेंदबाजों के दिशाविहीन प्रदर्शन से टीम इंडिया इस बड़े स्कोर का बचाव नहीं कर पाई। इस मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने 24 वाइड सहित 29 अतिरिक्त रन दिए। इन 24 वाइड के चलते भारत पर 4 ओवर के धीमे ओवर रेट के लिए मैच फीस के 80 फीसदी का जुर्माना लगा। हैमिल्टन का मैदान छोटा था और दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने जमकर चौके छक्के लगाए।
भारत की तरफ से मैच में कुल 32 चौके और 8 छक्के लगे, जबकि न्यूजीलैंड की ओर से 34 चौके और 7 छक्के लगे। दूसरे मैच के लिए ऑकलैंड के ईडन पार्क का मैदान और भी छोटा है और दूसरे मुकाबले में रनों की बरसात होने की पूरी संभावना है। गेंदबाजों को काफी सतर्क होकर गेंदबाजी करनी पड़ेगी और इस मैदान पर कोई भी स्कोर सुरक्षित नहीं रह सकता है।
ईडन पार्क मैदान पर पहला वनडे भारत और न्यूजीलैंड के बीच ही 22 फरवरी 1976 को खेला गया था जिसे मेजबान टीम ने 80 रन से जीता था। न्यूजीलैंड के 8 विकेट पर 236 रन के मुकाबले भारतीय टीम 156 रन पर सिमट गई थी लेकिन आज भारतीय टीम का शुमार दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में होता है और विराट कोहली की कप्तानी वाली यह टीम सीरीज में बराबरी हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा देगी।
भारत ने इस मैदान पर अपना आखिरी मुकाबला 14 मार्च 2015 को खेला था और जिम्बाब्वे को 6 विकेट से हराया था। यह विश्वकप का मुकाबला था। भारत और न्यूजीलैंड की टीमें इस मैदान पर आखिरी बार वनडे में 25 जनवरी 2014 को भिड़ी थीं और तब यह मुकाबला टाई रहा था। न्यूजीलैंड ने 314 रन बनाए थे जबकि भारत ने 9 विकेट पर 314 रन बनाए।
टीम इंडिया ने पहले मुकाबले में बल्लेबाजी में बेहतर खेल दिखाया था और श्रेयस अय्यर ने शतक तथा कप्तान विराट और लोकेश राहुल ने अर्धशतक बनाए थे। टीम के दोनों ओपनरों पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल ने अच्छी शुरुआत दी थी लेकिन इस मुकाबले में गेंदबाजों ने निराश किया था।
आखिरी टी-20 में मात्र 12 रन पर 3 विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह ने पहले वनडे में 13 वाइड सहित 53 रन लुटाए थे। मोहम्मद शमी ने 63, शार्दुल ठाकुर ने 80, रवींद्र जडेजा ने 64 और कुलदीप यादव ने 84 रन लुटाए थे।
भारतीय गेंदबाजों को इस प्रदर्शन में सुधार करना होगा वरना रॉस टेलर ने जिस अंदाज में आतिशी 109 रन बनाए थे उसे देखते हुए भारत के लिए दूसरे मुकाबले में भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। मैच के बाद कप्तान विराट ने भी स्वीकर किया था कि न्यूजीलैंड का प्रदर्शन हर लिहाज से भारतीय टीम से बेहतर था जबकि पहले वनडे में जीत से उत्साहित कीवी टीम दूसरे मैच में सीरीज को अपने नाम करना चाहेगी।
कप्तान केन विलियमसन चोटिल होने के कारण दूसरे मैच से भी बाहर हैं और उनकी जगह कप्तानी संभाल रहे टॉम लाथम का कहना है कि यह लय अगले मैच में भी बरकरार रहेगी। दूसरे वनडे के लिए भारतीय टीम में परिवर्तन की ज्यादा गुंजाइश नहीं है और तेज गेंदबाजी विभाग में शार्दुल की जगह नवदीप सैनी को तथा स्पिन विभाग में कुलदीप यादव की जगह युजवेंद्र चहल को आजमाया जा सकता है, लेकिन यह पिच की स्थिति पर निर्भर करेगा।