जेनिंग्स ने कहा, उन्होंने टेस्ट मैचों में पिच को अपने मुफीद बनाने की कोशिश की, यह इतना करीबी मुकाबला था कि दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला गंवा सकता था। ऐसी पिचें कोई मदद नहीं करेंगी क्योंकि भारत के पास शानदार तेज आक्रमण है। यहां तक कि तेज गेंदबाजों को मदद करने वाली नमी भरी पिच से स्पिनरों को भी फायदा मिलता है।
उन्होंने कहा, दस साल पहले भारत के पास कोई तेज गेंदबाज नहीं था, अब उनके पास बहुत सारे हैं, अंडर-19 स्तर से ही और उनकी न्यूनतम रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे है, जो कुछ साल पहले तक अधिकतम होती थी। जेनिंग्स ने कहा, ऐसी पिचों का चयन बिलकुल गलत है।
उन्होंने पिचों में काफी नमी रखी लेकिन ऐसी पिचें स्पिनरों की भी मदद करती है। उन्होंने बल्लेबाजी कोच डेल बेंकनस्टीन की उस बात का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि युजवेन्द्र चहल और कुलदीप यादव के खिलाफ तैयारी के लिए उनके पास समय नहीं था।
जेनिंग्स ने कहा, इतने कम समय में कुछ भी नहीं हो सकता। इस स्तर पर अगर आप स्पिन खेलने के बारे में नहीं जानते हैं, तो आपको सिर्फ अयोग्यता के साथ रहना होगा। (भाषा)