भारत ने जीती लगातार नौवीं सीरीज, विश्व रिकॉर्ड बराबर

बुधवार, 6 दिसंबर 2017 (16:10 IST)
नई दिल्ली। श्रीलंका ने धनंजय डी'सिल्वा (119 रिटायर्ड हर्ट) की विषम परिस्थितियों में खेली गई बेहद संघर्षपूर्ण पारी के दम पर भारत के खिलाफ दूसरा और अंतिम क्रिकेट टेस्ट बुधवार को यहां ड्रॉ करा लिया जबकि विश्व की नंबर एक टीम भारत ने लगातार नौंवी टेस्ट सीरीज़ जीतने के साथ विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। भारत ने तीन मैचों की यह सीरीज 1-0 से जीती।
 
कोलकाता में पहला और दिल्ली में तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा जबकि भारत ने नागपुर में दूसरा टेस्ट पारी और 239 रन से जीता था। भारत ने इसके साथ ही लगातार नौंवी टेस्ट सीरीज़ जीत ली और ऑस्ट्रेलिया के 2005 से 2008 तक लगातार नौ सीरीज़ जीतने के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
 
भारत का यह सफर 2015 में श्रीलंका को उसी की जमीन पर 2-1 से मात देने के साथ शुरू हुआ था। भारत ने उसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से, वेस्टइंडीज को 2-0 से, न्यूजीलैंड को 3-0 से, इंग्लैंड को 4-0 से , बांग्लादेश को 1-0 से, ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से और श्रीलंका को 3-0 से हराया। भारत ने अपनी मौजूदा सीरीज़ को 1-0 से जीता। भारत के पास अब जनवरी से शुरू होने वाले दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल दौरे में नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का मौका रहेगा।
 
भारत ने श्रीलंका के सामने 410 रन का लक्ष्य रखा था। श्रीलंका ने कल के तीन विकेट पर 31 रन से आगे खेलना शुरू किया था और पूरे दिन सराहनीय संघर्ष करते हुए डी'सिल्वा के तीसरे टेस्ट शतक के दम पर मैच को ड्रॉ करा दिया। श्रीलंका ने मैच के ड्रॉ समाप्त होने तक 103 ओवर में पांच विकेट पर 299 रन बनाए।
 
मेहमान टीम के लिए संकटमोचक साबित हुए डी'सिल्वा ने 119 रन की यादगार पारी खेली। हालांकि इसके बाद क्रैम्प के कारण उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा, लेकिन तब तक वे अपनी टीम को सुरक्षित स्थिति में पहुंचा चुके थे। डीसिल्वा ने 219 गेंदों पर नाबाद 119 रन में 15 चौके और एक छक्का लगाया।  
 
कप्तान दिनेश चांडीमल (36) के साथ पांचवें विकेट के लिए 112 रन की बेशकीमती साझेदारी की। पदार्पण टेस्ट खेल रहे रोशन सिल्वा ने नाबाद 77 और निरोशन डिकवेला ने नाबाद 44 रन की उपयोगी पारियां खेलीं। दोनों ने छठे विकेट की अविजित साझेदारी में 27 ओवर में 94 रन जोड़े।  
 
कल श्रीलंका के तीन विकेट जल्द निकालने वाले भारतीय गेंदबाजों को अंतिम दिन निराश होना पड़ा और पूरे दिन में वे दो विकेट ही निकाल पाए। नाबाद बल्लेबाज़ एंजेलो मैथ्यूज (एक) को लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने आउट किया जबकि चांडीमल (36) को अश्विन ने बोल्ड किया। भारत ने चायकाल से ठीक पहले 81वें ओवर में दूसरी नई गेंद ली लेकिन उसका श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों रोशन सिल्वा और निरोशन डिकवेला पर कोई असर नहीं हुआ।
 
पदार्पण मैच खेल रहे रोशन सिल्वा ने पहली पारी में खाता न खोल पाने की भरपाई करते हुए दूसरी पारी में अर्द्धशतक बनाया। वे पदार्पण मैच में शून्य और अर्द्धशतक बनाने वाले चौथे खिलाड़ी बने। श्रीलंका ने सुबह तीन विकेट पर 31 रन से आगे खेलते हुए लंच तक अपना स्कोर चार विकेट पर 119 रन, चायकाल तक पांच विकेट पर 226 रन और मैच समाप्त होने तक पांच विकेट पर 299 रन पर पहुंचाया। 

इस ड्रॉ मैच के साथ भारत का फिरोज़शाह कोटला मैदान पर पिछले 30 वर्षों का अपराजेय अभियान बरकरार रहा। कोटला की पिच पर वैसा डंक देखने को नहीं मिला जैसी उम्मीद की जा रही थी। ड्रॉ रहा यह टेस्ट मैच प्रदूषण के चलते श्रीलंकाई खिलाड़ियों के मास्क पहनकर मैदान पर खेलने को लेकर हमेशा याद रखा जाएगा।
 
भारत ने सुबह के सत्र में मैथ्यूज को जल्द ही निपटा दिया जब जडेजा ने उन्हें अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच करा दिया। श्रीलंका का चौथा विकेट 35 के स्कोर पर गिरा। हालांकि बाद में पता लगा कि यह गेंद नो बॉल थी जिसे अंपायर देख नहीं पाए। अंपायर ने फिर इस गलती का सुधार जैसे 44वें ओवर में किया जब जडेजा ने चौथी गेंद पर चांडीमल को बोल्ड कर दिया था लेकिन अंपायर ने नो बॉल चेक की और गेंद नो बॉल निकली। उस समय श्रीलंका का स्कोर 13 रन और चांडीमल का स्कोर 24 रन था।
 
लंच के बाद अश्विन ने चांडीमल को बोल्ड कर इस साझेदारी को तोड़ा। चांडीमल ने 90 गेंदों पर 36 रन में दो चौके लगाए। श्रीलंका का पांचवां विकेट 147 के स्कोर पर गिरा। इस समय भारत को जीत की उम्मीद दिखाई देने लगी थी, लेकिन डी'सिल्वा के संघर्ष ने भारतीय उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

डी'सिल्वा ने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया जिसकी भारतीय कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा ने भी सराहना की। पिछले 10 वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी श्रीलंकाई बल्लेबाज़ ने बाहरी टेस्ट की चौथी पारी में शतक बनाया है। इससे पहले 2007 में कुमार संगकारा ने होबार्ट में 192 रन बनाए थे।

डीसिल्वा ने अश्विन को उनकी ही गेंद पर एक मुश्किल मौका दिया था लेकिन गेंद उनके हाथ से छिटक गई। उस समय डीसिल्वा का स्कोर 110 रन और श्रीलंका का स्कोर 175 रन था। नई गेंद का समय नज़दीक आते देख गेंदबाजों को विश्राम देने के लिए मुरली विजय ने 75वां और कप्तान विराट ने 76वां ओवर भी डाला।

जब टीम का स्कोर 205 रन था, तब डीसिल्वा क्रैम्प के कारण मैदान से बाहर चले गए। भारत ने 81वें ओवर में दूसरी नई गेंद ली। चायकाल के समय श्रीलंका 226 रन बना चुका था और रौशन 38 तथा डिकवेला 11 रन पर नाबाद थे। दोनों ने आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और श्रीलंका को सम्मानजनक ड्रॉ दिलवा दिया।

रौशन सिल्वा ने 154 गेंदों पर नाबाद 74 रन में 11 चौके लगाए जबकि डिकवेला ने 72 गेंदों पर नाबाद 44 रन में छह चौके लगाए। मैच में श्रीलंका का आखिरी स्कोर पांच विकेट पर 299 रन रहा। भारतीय गेंदबाजों में जडेजा 38 ओवर में 81 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल रहे। मोहम्मद शमी को 15 ओवर में 50 रन पर एक विकेट और अश्विन को 35 ओवर में 126 रन पर एक विकेट मिला। (वार्ता)

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