IND vs SA ODI Series : विश्व कप के फाइनल में पराजय का कड़वा स्वाद चखने के बाद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को यहां होने वाले पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच से इस प्रारूप में नई शुरुआत करने के लिए उतरेगी, जिसमें नई पीढ़ी के उसके कई खिलाड़ी अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बेताब होंगे।
वनडे में भारत और दक्षिण अफ्रीका 91 मैचों में आमने-सामने हुए हैं. इन 91 खेलों में से भारत ने 38 जीते हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका 50 मौकों पर विजयी हुआ है। 3 मैच बिना नतीजे के ख़त्म हुए
अब जबकि टी20 विश्व कप पास में है तब वनडे श्रृंखला की प्रासंगिकता को लेकर सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन 2025 में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को देखते हुए भारत ही नहीं दक्षिण अफ्रीका के लिए भी अपने नए खिलाड़ियों को आजमाने का यह बेहतरीन मौका होगा।
विराट कोहली और रोहित शर्मा ने पिछले डेड़ दशक में सीमित ओवरों की क्रिकेट में अपनी विशेष छाप छोड़ी है, लेकिन अब उनका करियर अवसान पर है और ऐसे में उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी युवा पीढ़ी पर है।
इन परिस्थितियों में सबसे ज्यादा ध्यान केएल राहुल पर रहेगा जो तीन मैच की श्रृंखला में टीम की अगुवाई करेंगे। वह पहले भी भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं लेकिन इस श्रृंखला में सफलता मिलने पर उन्हें लंबी अवधि के लिए वनडे टीम की कमान सौंपी जा सकती है।
राहुल, अस्वस्थ होने के कारण टी20 श्रृंखला में नहीं खेल पाने वाले रुतुराज गायकवाड़ और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी पहले भी अपने कौशल का परिचय दे चुके हैं, लेकिन कुछ अन्य खिलाड़ी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए बेताब होंगे।
इन खिलाड़ियों में रिंकू सिंह भी शामिल है जिन्होंने इस साल टी20 क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। टीम प्रबंधन उन्हें 50 ओवरों के प्रारूप में भी आजमाना चाहेगा और इसलिए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को कल वनडे में पदार्पण का मौका मिल सकता है।
रजत पाटीदार को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिल सकता है। इसी तरह से भारद्वाज साईं सुदर्शन और तिलक वर्मा को भी मध्यक्रम मैं जगह मिल सकती है।
भारतीय टीम प्रबंधन को उम्मीद रहेगी कि ये खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के आक्रमण के सामने अच्छा प्रदर्शन करेंगे, जो कैगिसो रबाडा और एनरिक नोर्किया की अनुपस्थिति के कारण कमजोर है।
भारत भी वनडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले तीन तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज के बिना इस श्रृंखला में उतरेगा। बुमराह और सिराज टेस्ट श्रृंखला में खेलेंगे लेकिन शमी को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की चिकित्सा टीम की तरफ से फिटनेस को लेकर मंजूरी नहीं मिली है।
इन प्रमुख तेज गेंदबाजों की अनुपस्थिति में भारत का दारोमदार आवेश खान, मुकेश कुमार और अर्शदीप सिंह पर टिका रहेगा। जोहानिसबर्ग की पिच से गुरुवार को तीसरे टी20 मैच में स्पिनरों को मदद मिल रही थी और अगर यही स्थिति बनी रहती है तो भारत कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और युजवेंद्र चहल के रूप में तीन स्पिनरों के साथ उतर सकता है। भारत वाशिंगटन सुंदर को भी मौका दे सकता है जो शीर्ष क्रम में बल्लेबाज की भूमिका भी निभा सकते हैं।
चहल को अगर मौका मिलता है तो वह चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
यह 33 वर्षीय लेग स्पिनर वनडे विश्व कप के लिए भारतीय टीम में शामिल नहीं था। राहुल की मौजूदगी में संजू सैमसन को रिजर्व विकेटकीपर के रूप में टीम में रखा गया है। इस सत्र में अधिकतर समय उनकी अनदेखी की गई लेकिन यहां उन्हें बल्लेबाज के रूप में मौका मिलने की उम्मीद रहेगी।