कोलकाता। भारत के मौजूदा गेंदबाजी कोच भरत अरुण का पद पर बने रहना लगभग तय लग रहा है जबकि दक्षिण अफ्रीकी धुरंधर जोंटी रोड्स समेत कई दावेदारों के होने के बावजूद आर. श्रीधर को तरजीह दिए जाने की संभावना है। राष्ट्रीय चयनकर्ता जब भारतीय टीम के लिए सहयोगी स्टाफ चुनेंगे तो बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ की छुट्टी हो सकती है।
तीनों को मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ आगामी वेस्टइंडीज दौरे के आखिर तक कार्यकाल में विस्तार मिला है। इसके बाद नए सिरे से साक्षात्कार होंगे और सभी पदों के लिए नियुक्तियां की जाएंगी। कपिल देव की अध्यक्षता वाली नई क्रिकेट सलाहकार समिति मुख्य कोच के बारे में फैसला लेगी। चयनकर्ताओं को सहयोगी स्टाफ के लिए इंटरव्यू लेने को कहा गया है।
करीबी सूत्रों की मानें तो अरुण का रहना तय है क्योंकि सभी प्रारूपों में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, पिछले 18 से 20 महीने से अरुण ने बहुत अच्छा काम किया है। मौजूदा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ है। मोहम्मद शमी फार्म में हैं और जसप्रीत बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसका श्रेय अरुण को जाता है। चयनकर्ताओं के लिए उनकी जगह किसी और को तरजीह देना मुश्किल होगा।
बांगड़ के बारे में हालांकि ऐसा नहीं कहा जा सकता। कइयों का मानना है कि 4 साल पद पर रहने के बावजूद वे मजबूत मध्यक्रम नहीं खड़ा कर सके। अधिकारी ने कहा, बांगड़ के आने से पहले भी रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी सफलता में बांगड़ का कोई योगदान नहीं है। उनका काम मध्यक्रम को मजबूत बनाना था और विश्व कप में हमने देखा कि वे इसमें बुरी तरह नाकाम रहे।
तीनों विशेषज्ञ कोचों में से अरुण का पद पर बने रहना तय है और श्रीधर भी चयनकर्ताओं की पसंद होंगे। उन्हें हालांकि रोड्स से कड़ी चुनौती मिलेगी। अधिकारी ने कहा, रोड्स बड़ा नाम है और उनकी दावेदारी को अनदेखा नहीं किया जा सकता। हमें हालांकि टीम का अब तक फील्डिंग में प्रदर्शन भी देखना होगा। (भाषा)