'इंदौर वनडे' पर मंडराए आफत के बादल...

-सीमान्त सुवीर
 
कोलकाता में पिछले ‍तीन दिनों से बारिश जारी है...मुंबई में बुधवार को इतनी खतरनाक बारिश हुई कि 'अलर्ट' जारी करना पड़ा...पुणे में भी सुबह जो बारिश शुरु हुई तो रात करीब 12 बजे के आसपास बंद हुई...और इंदौर शहर भी दोपहर बाद से ही भीगता रहा...इस बरखा बहार से सबसे ज्यादा दिल उन क्रिकेट दीवानों के डूब रहे हैं जो 24 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होलकर स्टेडियम में जाकर क्रिकेट के रोमांच में गोते लगाने के मंसूबों के साथ आने वाले 72 घंटों का इंतजार कर रहे हैं...
 
आमतौर पर सितंबर में बारिश विदा हो जाती है और इस महीने में आसमान में अलग-अलग तरह के नजारे नजर आते हैं लेकिन फिलहाल इंदौर का आसमान देर रात तक बारिश के बादलों से पटा पड़ा है। रात में पश्चिम क्षेत्र में कुछ मिनटों के लिए बहुत तेज बारिश हुई जो जल्दी ही थम गई...
 
बुधवार की सुबह से ही इंदौर में बारिश का माहौल बनना शुरू हो गया था। दोपहर डेढ़ बजे काले स्याह बादल कटोरा बनकर होलकर स्टेडियम पर एकत्र हो गए थे जबकि दूसरी तरफ मौसम खुला था लेकिन देखते ही देखते ये फटकर बरस पड़े और जमकर बरसे..कुछ देर बाद तो पूरे शहर में हल्की बारिश शुरू हो गई...
 
एक जमाना वो भी देखा है जब ठीक 7 जून को मानसून मुंबई पहुंच जाता था और 10 जून को इंदौर में बारिश शुरू हो जाती थी लेकिन आज के माहौल को देखें तो किसी भी महीने में बरसात हो जाती है और अभी की बारिश हजारों क्रिकेटप्रेमियों को किसी 'खलनायिका' की तरह नजर आ रही है..न जाने कितनों के दिलों पर अनगिनत सांप लोट रहे होंगे, इस शंका के साथ कि कहीं उनकी मैच देखने की उम्मीदों पर पानी न फिर जाए...
मंगलवार को मौसम ने करवट बदली थी और तेज धूप ने होलकर स्टेडियम के गीले आउटफील्ड को पूरी तरह सुखा दिया था। 30-40 घंटे की मशक्कत के बाद गैलरी के टिकट हासिल करने वाले क्रिकेट दीवानों के चेहरे भी खिल उठे, लेकिन बुधवार को मौसम के तेवर सख्त हुए, जिसने पिच क्यूरेटर स‍मं‍दर सिंह चौहान ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारियों को चिंता में डाल दिया। 
 
समंदर सिंह ने मुलाकात में यही कहा कि मौसम के मिजाज को सभी देख रहे हैं। हम अपनी तरफ से तैयार हैं और दुआ करते हैं कि मैच आने तक बारिश थम जाए। हजारों लोगों की दुआ भी अपना काम करेगी। सोशल मीडिया में तो बारिश के तेवर को देखते हुए लोग यह कमेंट कर रहे हैं कि इस बार रावण जलकर नहीं, बल्कि पानी में में डूबकर मरेगा...
 
कोलकाता से भी कोई अच्छी खबर नहीं है, जहां गुरुवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा एकदिवसीय मुकाबला खेला जाना है। आशंका है कि बीते तीन दिनों से हो रही बारिश आने वाले 48 घंटों तक जारी रह सकती है यानी कोलकाता वनडे पूरी तरह बारिश में धुल भी सकता है।
यदि कोलकाता का मैच बारिश में धुलता है और इंदौर का मैच बारिश से बाधित नहीं होता है तो दोनों ही टीमों के लिए यह एक बहुत बड़ा मैच बन पड़ेगा। इंदौर में भले ही बारिश हो रही है, लेकिन होलकर स्टेडियम के किसी भी कर्मचारी के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। वे सभी मुस्तैदी से अपने काम में जुटे हुए हैं...सभी की जुंबा पर एक ही लब्ज है कि किसी तरह इस मैच का सफल आयोजन हो जाए... 
 
खाद रखेगी पूरे मैदान को हराभरा : मैदान को हराभरा बनाने के लिए अभी तक साढ़े तीन सौ किलो फर्टिलाइजर डाला जा चुका है। पहले ढाई सौ किलो डाला गया, जबकि बुधवार को डेढ़ सौ किलो। ये डेढ़ सौ किलो 30 यार्ड के उस हिस्से में डाला गया, जहां पर घास नहीं थी। 
 
इसका असर जल्दी ही देखने को मिलेगा और 30 यार्ड का इलाका भी हराभरा हो जाएगा। फर्टिलाइजर की वजह से घास में पनपने वाले महीन कीड़े तो खिलाड़ियों को परेशान करेंगे नहीं साथ ही क्षेत्ररक्षण करते वक्त खिलाड़ी भी डाइव लगाने से चोटिल नहीं होंगे।
मौसम और मैदानकर्मियों के बीच असली जंग : होलकर स्टेडियम में टिकट की मारामारी खत्म हो चुकी है। बुधवार को मौसम और मैदानकर्मियों के बीच असली जंग देखने को मिली। 40 कर्मचारी बारिश होते ही दौड़ पड़ते, ताकि प्लास्टिक कवर्स से मैदान को बचाया जा सके। बारिश की लुकाछिपी के बीच बुधवार को तीन बार कवर्स लगाए और हटाए गए। 
 
जो लोग इस काम में लगे हैं, वे सही मायने में बधाई के हकदार हैं, क्योंकि ये कवर्स इतने भारी हैं कि इन्हें दर्जनभर से ज्यादा लोग खींचने में लग जाते हैं और सही जगह वे उसे लगाते भी हैं ताकि बारिश का पानी मैदान को खराब न कर सके। 
 
भीगते पानी में वे नंगे पैर दौड़ लगाते हैं...फिर बाहर आकर उनका बदन और कपड़े सूखते भी नहीं हैं कि  मौसम साफ होते ही फिर से कवर्स हटाने के लिए वे दौड़ पड़ते हैं। असल में यही मैदान के असली नायक हैं। यदि 24 सितंबर को वाकई मैच होता है तो सबसे पहले इन्हें सलाम ठोकना पड़ेगा, जिनकी अथक मेहनत से मैदान सुरक्षित रह पाया।
 
स्टेडियम की छत पर हजारों कबूतरों ने बनाया घरौंदा : होलकर स्टेडियम के पैवेलियन के ठीक सामने की विशाल छत पर हजारों कबूतरों ने अपने घरौंदे बना रखे हैं। वे बीट करके स्टेडियम की कुर्सियों और दीवारों को गंदा करते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच से पहले वहां की दीवारों और कुर्सियों को साफ किया जा रहा है, ताकि दर्शकों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
 
दुर्गेश के 15 जनरेटर मौजूद : दुर्गेश कंपनी के 15 जनरेटर होलकर स्टेडियम के प्रशासनिक भवन के आसपास रख दिए गए हैं, ताकि 24 सितंबर को होने वाले डे-नाइट मैच में बिजली आपूर्ति का पर्याप्त बैकअप हो। इन जनरेटरों को आपस में जोड़ा जा चुका है, लेकिन इसकी टेस्टिंग फिलहाल नहीं हुई है।
 
कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तकनीकी समिति का सामान यहां पहुंच चुका है, लेकिन अधिकारी 21 और 22 को आएंगे। संभवत: इन जनरेटरों की टेस्टिंग भी 22 सितंबर की रात को हो। 

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