महाराष्ट्र में नहीं होंगे आईपीएल मैच : सुप्रीम कोर्ट

बुधवार, 27 अप्रैल 2016 (21:01 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आईपीएल मामले पर बॉम्‍बे उच्च न्यायालय के दिए गए पिछले निर्णय को बरकरार रखते हुए मौजूदा टी20 लीग के मैचों को मई माह में सूखाग्रस्त महाराष्ट्र से बाहर कराने के निर्देश दिए।                 
सर्वोच्च अदालत ने पुणे में एक मई को एकमात्र आईपीएल मैच की अनुमति हालांकि दी है, लेकिन इसके बाद सभी आईपीएल मुकाबले महाराष्ट्र के बाहर ही कराए जाने के बॉम्‍बे उच्च न्यायालय के निर्णय पर सहमति जताई है। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र और मुंबई क्रिकेट संघों की बॉम्‍बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ की गई याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय दिया। 
         
बॉम्‍बे उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 13 अप्रैल को निर्णय सुनाया था और 30 अप्रैल के बाद सभी आईपीएल मैचों को राज्य से बाहर कराने के निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय ने कहा था कि जब महाराष्ट्र भयंकर सूखे से जूझ रहा है तो वहां टी20 टूर्नामेंट के लिए पिचों पर पानी नहीं बहाया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के तीन शहरों पुणे, मुंबई और नागपुर में आईपीएल नौ के फाइनल सहित 12 अन्य मुकाबले होने थे।
         
बॉम्‍बे उच्च न्यायालय के इस निर्णय का मुंबई क्रिकेट संघ सहित अन्य क्रिकेट संघों ने विरोध किया था और इस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी। सर्वोच्च अदालत ने अपने अहम निर्णय में कहा, आप स्टेडियम पर सीवर के पानी के उपयोग की बात करके क्यों विवाद पैदा कर रहे हैं। मैच देखने लाखों लोग आएंगे उनके लिए आप पानी कहां से लाएंगे?
 
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि पहले सख्त नियमों के साथ महाराष्ट्र में एक मई के बाद आईपीएल मैच कराने के संकेत दिए और कहा कि वह प्रशासन को आदेश देंगे कि पिचों पर पीने के पानी की एक भी बूंद इस्तेमाल न हो लेकिन फिर पीठ में शामिल न्यायाधीश आर भानुमति और यूयू ललित ने क्रिकेट संघों की याचिका को पूरी तरह से खारिज करते हुए राज्य से मैचों को बाहर कराने का अंतिम फैसला सुनाया। 
        
क्रिकेट संघों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों पी चिंदबरम और एएम सिंघवी ने बॉम्‍बे उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए सर्वोच्च अदालत में दलील पेश की कि वे आईपीएल में पिचों के रखरखाव के लिए सीवर के पानी को साफ करके उपयोग करेंगे और इसके लिए पीने के पानी का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। 
        
उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान क्रिकेट संघों के वकीलों से मैचों में स्टेडियमों के रखरखाव के लिए 60 लाख लीटर पानी के उपयोग को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा। इस पर चिदंबरम ने दलील दी कि स्टेडियम के रखरखाव के लिए प्रतिदिन 10 हजार लीटर पानी की जरूरत पड़ेगी और छह दिनों के लिए 60 लाख लीटर पानी का उपयोग होगा, लेकिन इसके लिए पीने के पानी का बिलकुल उपयोग नहीं होगा और केवल सीवर के पानी को साफ करके ही स्टेडियम में इस्तेमाल किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि आईपीएल आयोजकों और क्रिकेट संघों ने महाराष्ट्र में ही लीग के मैच कराने के लिए सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाने और फ्रेंचाइजियों मुंबई और पुणे के पांच-पांच करोड़ रुपए राहत कोष में देने का भी वादा किया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने 29 मई को मुंबई में होने वाले आईपीएल नौ के फाइनल और अन्य मैचों को 30 अप्रैल के बाद बाहर कराने का निर्देश सुनाया था।
 
हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की दो दिनों के भीतर पुणे के मैच को अन्य जगह स्थानांतरित करने में असमर्थ होने की अपील के बाद अदालत ने एक मई को पुणे के मुकाबले को पुणे में आयोजित करने की अनुमति दे दी थी। इस निर्णय को भी सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है, लेकिन इसके बाद सभी मैच राज्य के बाहर ही होंगे। 
                    
सर्वोच्च अदालत के इस निर्णय के बाद आईपीएल और राज्य क्रिकेट संघों के पास महाराष्ट्र से अब करीब 12 मुकाबलों को बाहर कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। महाराष्ट्र के बाहर राजस्थान में भी आईपीएल के मुकाबले कराने पर आयोजक विचार कर रहे हैं लेकिन अब इस निर्णय का भी विरोध हो रहा है क्योंकि राजस्थान भी पानी की कमी से जूझ रहा है। इस बीच राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए तीन मई तक निर्णय टाल दिया है। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें