चौधरी ने इससे पहले इस व्याख्यान के लिए चुने गए कुमार संगकारा, नासिर हुसैन, सौरव गांगुली और केविन पीटरसन के नामों पर भी कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी। वे पुराने जमाने के भारतीय दिग्गजों को नजरअंदाज करने के लिए बीसीसीआई महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम से नाराज थे।
चौधरी ने ईरापल्ली प्रसन्ना, अब्बास अली बेग, नारी कांट्रैक्टर के नाम सुझाए थे, जो टाइगर के साथ खेले थे। कार्यवाहक सचिव ने एक ई-मेल में पूर्व भारतीय विकेटकीपर करीम पर ताना कसा है। इससे पहले करीम ने घोषणा की थी कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी है कि केविन पीटरसन एमएके पटौदी स्मृति व्याख्यान देने पर सहमत हो गए हैं।
चौधरी ने पीटरसन के संदर्भ में लिखा है कि महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) की खुशी को देखकर मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह एमएके पटौदी स्मृति व्याख्यान है या सर लेन हटन व्याख्यान या इस संदर्भ में सर फ्रैंक वूली स्मृति व्याख्यान है? झारखंड के इस पूर्व पुलिस अधिकारी ने नाराजगी जताई है कि करीम ने उनके सुझावों पर गौर नहीं किया और इस पर उनसे संपर्क भी नहीं किया।
उन्होंने करीम से 5 सवाल पूछे हैं- 1. बेंगलुरु में 8 मई को इस विषय पर बिना किसी चर्चा के 4 नामों की सूची कैसे सामने आ गई? 2. सूची में 75 प्रतिशत नाम विदेशी खिलाड़ियों के क्यों हैं? 3. व्याख्यान देने के लिए (पीटरसन के चयन की) प्रांसगिकता के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया? 4. जब सीओए विनोद राय ने कहा था कि वे अन्य नामों पर विचार करने के लिए तैयार हैं तब संगकारा की अनुपलब्धता के बारे में क्यों नहीं बताया गया? 5. किस अधिकार के आधार पर पीटरसन का नाम तय किया गया जबकि ऐसा करने के लिए अनुमति नहीं ली गई?