भारत के सीनियर बल्लेबाज केएल राहुल अगले साल भारत में होने वाले विश्व कप के जरिये टी20 टीम में वापसी करना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि इस प्रारूप से दूर रहने से उन्हें सफेद गेंद के प्रारूप में अपने खेल में सुधार का मौका मिला।राहुल पिछले तीन साल से भारत के लिये टी20 क्रिकेट नहीं खेले हैं। उन्होंने आखिरी बार आस्ट्रेलिया में 2022 टी20 विश्व कप में खेला था जब भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में हार गई थी।
राहुल ने स्काय स्पोटर्स से कहा , मैं टी20 टीम में वापसी करना चाहता हूं और विश्व कप मेरे जेहन में है। लेकिन इस समय मैं सिर्फ अपने खेल का मजा लेना चाहता हूं।
मौजूदा टी20 चैम्पियन भारत 2026 में श्रीलंका के साथ विश्व कप की मेजबानी करेगा।आईपीएल में राहुल की दिल्ली कैपिटल्स टीम प्लेआफ के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी लेकिन उन्होंने 13 मैचों में 149 . 72 की स्ट्राइक रेट से 539 रन बनाये।राहुल ने छह सत्र में पांचवीं बार 500 से अधिक रन बनाये हैं।
उन्होंने कहा , मुझे सफेद गेंद के प्रारूप में अपने खेल पर काम करने का मौका मिला। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं लेकिन 12 या 15 महीने पहले मुझे अहसास हुआ था कि खेल बदल रहा है और तेज होता जा रहा है । इसमें वही टीम जीत रही है जो अधिक चौके छक्के लगा रही है।
राहुल ने कहा , मैं पिछले कुछ साल से टी20 टीम का हिस्सा नहीं हूं। इससे मुझे इस प्रारूप में अपने खेल पर विचार करने का मौका मिला।
उन्होंने कहा , मैने बैठकर सोचा कि कहां बेहतर हो सकता हूं और मुझे खेल की रफ्तार पकड़ने के लिये क्या करना होगा। टी20 टीम में वापसी करने और वनडे तथा टी20 प्रारूप में टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिये क्या करना होगा।
अपने एक दशक के कैरियर में राहुल का भारतीय टीम में बल्लेबाजी क्रम स्थिर नहीं रहा लेकिन उन्होंने कहा कि टीम की जरूरत के अनुसार अपने खेल में बदलाव करके उन्हें खुशी मिलती है।
उन्होंने कहा , अगर आपने मेरा कैरियर देखा हो तो मुझे नहीं लगता कि मेरे पास विकल्प थे और मैं वह खिलाड़ी नहीं रहा हूं जो चयनकर्ताओं से बात करे या कप्तान से बोले कि मैं ऐसा करना चाहता हूं।
राहुल ने कहा , मैं बस टीम में रहना चाहता हूं और हर चुनौती का सामना करना चाहता हूं।भारत को पिछली दो टेस्ट श्रृंखलाओं में न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया ने हराया।
राहुल ने कहा , हम पिछली दो श्रृंखलाओं में बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे। घरेलू हालात में हमने तीन टेस्ट गंवाये। हमें रन बनाने पर मेहनत करनी होगी। निर्णायक क्षणों में नाकाम रहने का खामियाजा हमें आस्ट्रेलिया में भुगतना पड़ा और हमने वही गलतियां दोहराई। (भाषा)